Site icon GAIRSAIN TIMES

पेयजल के आला अफसरों के पास नहीं योजनाओं के निरीक्षण का समय, फील्ड में इंजीनियर कर रहे मनमानी, करोड़ों की पेयजल योजनाओं का आम जन को नहीं मिल पा रहा लाभ, हंगामा होने पर कोश्यारताल योजना में गड़बड़ी पर जेई को हटाया, लंबे समय से निर्माण शाखा टिहरी के इंजीनियरों के बीच चल रहा था विवाद

पेयजल के आला अफसरों के पास नहीं योजनाओं के निरीक्षण का समय, फील्ड में इंजीनियर कर रहे मनमानी, करोड़ों की पेयजल योजनाओं का आम जन को नहीं मिल पा रहा लाभ, हंगामा होने पर कोश्यारताल योजना में गड़बड़ी पर जेई को हटाया, लंबे समय से निर्माण शाखा टिहरी के इंजीनियरों के बीच चल रहा था विवाद


देहरादून।

पेयजल निगम में लंबे समय से अराजकता की स्थिति बनी हुई है। फील्ड में जिन इंजीनियरों के ऊपर योजनाओं की देखरेख का जिम्मा है, वे आपस में लड़ रहे हैं। न सिर्फ दूर दराज के क्षेत्रों में इंजीनियरों के आपस में भिड़ने की सूचनाएं आ रही हैं, बल्कि देहरादून मुख्यालय तक में इंजीनियर एक दूसरे के खिलाफ मारपीट पर उतारु हैं। पिछले दिनों जल निगम की सीमाद्वार कालोनी और एक एसई के ऑफिस तक में मारपीट के मामले सामने आ चुके हैं। योजनाओं की समीक्षा सिर्फ हवाई हो रही है। सिर्फ बजट खर्च करने और टेंडर कराने पर ही आला अफसरों का जोर रहता है। फील्ड में योजनाओं की क्या स्थिति है, इसे देखने वाला कोई नहीं है। एक्सईएन, एसई, चीफ इंजीनियर फील्ड में जाकर निरीक्षण करने को तैयार नहीं है। इन तमाम गड़बड़ियों पर नियंत्रण का जिम्मा एमडी पर है, लेकिन उनके ऊपर कई विभागों के काम का इतना अधिक भार है कि वो चाह कर भी समय नहीं दे पा रहे हैं।
बड़ा विवाद खड़ा होने के बाद कोश्यारताल पम्पिंग पेयजल योजना में गड़बड़ी और इंजीनियरों के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद पर जूनियर इंजीनियर का तबादला कर दिया गया है। इंजीनियरों के आपसी विवाद और आला अफसरों के स्तर पर बरती जा रही लापरवाही के कारण 45 करोड़ खर्च कर भी गांव वालों को पानी नहीं मिल रहा था।
जल निगम की प्लानिंग की गड़बड़ी का आलम ये रहा कि 2005-06 से कागजों में चल रही 21.90 करोड़ कोश्यारताल पम्पिंग योजना 2018 में पूरी हुई। इस योजना से जुड़े 70 गांवों तक पानी पहुंचाने को कोई प्लानिंग नहीं की गई। योजना के फेस दो में 15.70 करोड़ मंजूर हुए। इसमें 62 टैंक बनने थे। अभी 20 ही पूरे हुए हैं। 19 की टेस्टिंग हो रही है। 20 निर्माणाधीन हैं। 250 किमी लंबी लाइन बिछनी थी। 150 किमी बिछ चुकी है। 50 किमी अंडर टेस्टिंग है, 50 किमी पर काम चल रहा है।
इस काम को पूरा करने में लगातार देरी हुई। डिवीजन के इंजीनियर काम पूरा कराने की बजाय पूरे समय आपस में लड़ते रहे। 57 गांवों में जल निगम और 13 गांवों में जल संस्थान को लाइन बिछाने का काम करना है। इस बीच इन्हीं 70 गांवों के लिए जल जीवन मिशन में हर घर पेयजल कनेक्शन पहुंचाने को 11 करोड़ की योजना मंजूर हुई। इसके तहत 4500 घरों में कनेक्शन दिए जाने हैं। इन सभी कार्यों में लापरवाही का नुकसान आस पास के 70 गांवों को उठाना पड़ रहा है। इस गड़बड़ी पर तत्काल कार्रवाई के नाम पर जल निगम मुख्यालय से जूनियर इंजीनियर भीमदास निराला का 11 साल बाद तबादला कर दिया गया है। उन्हें निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई गंगा ऋषिकेश भेज दिया गया है।

विधायक के पत्र के बाद हरकत में आया निगम
कोश्यार ताल योजना में गड़बड़ी को लेकर विधायक किशोर उपाध्याय ने सीधे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजा। जल जीवन मिशन के कार्यों पर सवाल उठाए थे। इसके बाद जाकर जल निगम के अफसर हरकत में आए। जिस इंजीनियर के खिलाफ बार बार शिकायत आ रही थी, उसे हटाया गया। इस इंजीनियर को हटाने को पहले भी कई बार प्रयास हुए, लेकिन हर बार आला अफसरों के दबाव में तबादला आदेश रुकवा दिया गया।

Exit mobile version