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त्रिवेंद्र सरकार ने किसानों को दी बड़ी राहत, ऊर्जा निगम ने बिजली दरों में किसान, बीपीएल श्रेणी के दरों में कोई भी इजाफा न किए जाने का भेजा प्रस्ताव, बिजली दरों में 4.56 प्रतिशत बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव, घरेलू बिजली दरों में 1.99 प्रतिशत, कमर्शियल दरों में 4.05 प्रतिशत, उद्योग में पांच प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी 

त्रिवेंद्र सरकार ने किसानों को दी बड़ी राहत, ऊर्जा निगम ने बिजली दरों में किसान, बीपीएल श्रेणी के दरों में कोई भी इजाफा न किए जाने का भेजा प्रस्ताव, बिजली दरों में 4.56 प्रतिशत बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव, घरेलू बिजली दरों में 1.99 प्रतिशत, कमर्शियल दरों में 4.05 प्रतिशत, उद्योग में पांच प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी

देहरादून।

उत्तराखंड की त्रिवेंद्र रावत सरकार ने राज्य के किसानों, बीपीएल वर्ग, आम लोगों के साथ ही छोटे उद्योगों को बड़ी राहत देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। ऊर्जा निगम ने बिजली दरों में किसान, बीपीएल श्रेणी के दरों में कोई भी इजाफा न किए जाने का प्रस्ताव भेजा है।
राज्य में बिजली दरों में किसान, बीपीएल और 100 यूनिट तक बिजली खर्च करने वालों को बड़ी राहत दी गई है। इस कैटेगरी में यूपीसीएल ने किसी भी तरह की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव नहीं रखा है। सिर्फ घरेलू बिजली दरों में 1.99 प्रतिशत, कमर्शियल दरों में 4.05 प्रतिशत, एलटी उद्योग में 2.5 प्रतिशत, उद्योग में 5.13 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया है। कुल औसत 4.56 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव भेजा गया।
ऊर्जा निगम की ओर से गुरुवार को विधिवत रूप से नई बिजली दरों का प्रस्ताव आयोग को भेज दिया गया है। पहले प्रस्ताव 30 नवंबर तक भेजा जाना था। जो नहीं भेजा गया। इसके बाद आयोग ने 31 दिसंबर तक का समय दिया। इस समय सीमा पर भी ऊर्जा निगम प्रस्ताव भेजने में नाकाम रहा। अंत में आयोग ने हर हाल में 15 जनवरी तक प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। साफ किया कि इसके बाद एक भी दिन का समय आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। इस पर यूपीसीएल ने बोर्ड बैठक का इंतजार किए बिना ही परिचालन से प्रस्ताव पास कर आयोग को भेज दिया है।
नये प्रस्ताव में बीपीएल, कृषि क्षेत्र में बिजली दरों में किसी भी तरह की कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। हर महीने 100 यूनिट तक बिजली खर्च करने वालों पर भी किसी भी तरह का कोई अतिरिक्त भार नहीं डाला गया है। अब आयोग इस प्रस्ताव का परीक्षण करने के साथ ही जनसुनवाई कर मार्च के अंतिम सप्ताह में नई दरें जारी करेगा। जो एक अप्रैल से लागू होंगी।
नीरज खैरवाल, एमडी यूपीसीएल के अनुसार उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को प्रस्ताव भेज दिया गया है। दरों में मामूली बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव भेजा गया है। ताकि बिजली उपभोक्ताओं पर किसी भी तरह का अतिरिक्त भार न पड़े।

इन श्रेणियों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव
25 किलोवॉट तक छोटे उद्योगों के लिए बढ़ोत्तरी का कोई प्रस्ताव नहीं किया गया है। प्रदेश में औद्योगिक गति को बढ़ावा देने को वोल्टेज के आधार पर बड़े उद्योगों में फिक्स चार्ज तय किया गया। ऐसा उद्योगों को लाभ देने को किया गया। जो उद्योग ज्यादा बिजली प्रयोग करेगा, उसे अधिक लाभ होगा।

रुड़की क्षेत्र में बिजली मीटर लगा कर चोरी रोकने का प्रयास
यूपीसीएल ने रुड़की क्षेत्र में बिजली चोरी रोकने को यहां स्मार्ट मीटर लगाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके लिए आयोग से अनुमोदन मांगा गया है।

आयोग की सख्ती के कारण यूपीसीएल ने रोके हाथ
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग बिजली दरों को लेकर लगातार पिछले कई सालों से सख्त रुख अपनाए हुए है। यही वजह है, जो 2018-19 में नियामक आयोग ने घरेलू बिजली उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कोई फेरबदल नहीं किया। यही स्थिति 2019-20 में भी रही। उल्टा इस वर्ष मौजूदा दरों में ही और अधिक कटौती कर दी गई थी। ऐसे में इस बार यूपीसीएल ने स्वयं ही न्यूनतम बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव भेजा है।

राज्य में अभी ये हैं बिजली के रेट
घरेलू श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं को अभी बिजली औसत 4.44 रुपये प्रति यूनिट की दर से मिल रही है। कमर्शियल बिजली उपभोक्ताओं के लिए यही दर 6.38 रुपये है। एलटी श्रेणी के औद्योगिक उपभोक्ताओं को 6.03 रुपये और एचटी श्रेणी के उपभोक्ताओं को 6.06 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है।

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