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खैरासैंण के त्रिवेंद्र ने गैरसैंण सारकोट के जरिए दिया बड़ा सियासी संदेश, सारकोट के जरिए सीएम त्रिवेंद्र ने विरोधियों को किया चित, सियासी समझ पर सवाल उठाने वाले आलोचक खामोश

खैरासैंण के त्रिवेंद्र ने गैरसैंण सारकोट के जरिए दिया बड़ा सियासी संदेश
सारकोट के जरिए सीएम त्रिवेंद्र ने विरोधियों को किया चित, सियासी समझ पर सवाल उठाने वाले आलोचक खामोश
जीटी रिपोर्टर, देहरादून
पौड़ी जिले के खैरासैंण के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की अब एक नई पहचान गैरसैंण सारकोट के बांशिदे के रूप में जुड़ गई है। सीएम ने सारकोट के जमन सिंह से महज साढ़े छह नाली जमीन ही नहीं खरीदी, बल्कि पहाड़ और गैरसैंण के विकास की दिशा में एक साहसिक कदम बढ़ाया है। उनका ये कदम उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है, जो अभी भी गैरसैंण को सिर्फ एक सियासी मुद्दा भर मानते हैं। सीएम त्रिवेंद्र ने अपने इरादों से साफ कर दिया है कि अब गैरसैंण के रास्ते न सिर्फ सियासी बढ़त बनाई जाएगी, गैरसैंण राज्य के पहाड़ों के विकास का एक नया चेहरा बनेगा।
गैरसैंण को लेकर सीएम त्रिवेंद्र ने एक के बाद एक नये चौंकाने वाले फैसलों के जरिए उन्होंने अपने उन आलोचकों को भी करारा जवाब दिया है कि जो उनकी समझ पर भी संदेह जताते रहे हैं। हालांकि उन आलोचकों को त्रिवेंद्र पांचों लोकसभा, पंचायत, नगर निकाय और सहकारिता के सभी चुनावों में प्रचंड जीत के जरिए भी जवाब दे चुके हैं। लेकिन गैरसैंण को लेकर त्रिवेंद्र की सियासी बढ़त कई मायनों न सिर्फ बहुत अलग है, बल्कि अहम भी है। ये बढ़त हर उस शख्स के लिए जवाब है, जो राज्य में दिन में उत्तराखंड में सत्ता परिवर्तन के सपने देखते हैं। अभी तक के पूरे बेदाग कार्यकाल, नौकरशाही, सचिवालय से भ्रष्टाचार समाप्त करने के साथ ही सीएम कार्यालय में दलालों की एंट्री बंद कर, सीएम आवास, कार्यालय को पारदर्शी, स्वच्छ बना कर उन्होंने एक साफ सुथरे प्रशासन का संदेश दिया।
अब गैरसैंण का भूमिधर बन कर सीएम त्रिवेंद्र ने अपने नाम एक और ऐतिहासिक पहल को जोड़ लिया है। सीएम ने स्वतंत्रता दिवस के दिन न सिर्फ गैरसैंण के सारकोट गांव के लोगों में उम्मीदें जगा दी हैं, बल्कि हर उस छोटे बड़े जनप्रतिनिधि को संदेश दिया है, जो जो ब्लॉक का चुनाव भी जीत कर सीधे देहरादून, हल्द्वानी की दौड़ लगा रहे हैं। रिवर्स पलायन की दिशा में सीएम का ये कदम वाकई में मास्टर स्ट्रोक साबित होगा।

गैरसैंण जनभावनाओं का प्रतीक है। गैरसैंण हर उत्तराखंडी के दिल में बसता है। लोकतंत्र में जनभावनाएं सर्वोपरी होती हैं। गैरसैंण के रास्ते ही समूचे उत्तराखंड का विकास किया जा सकता है। सबसे पहले जनप्रतिनिधियों को ही रिवर्स पलायन करना होगा। रिवर्स पलायन से ही पहाड़ों की तस्वीर और तकदीर सुधरेगी। स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मैं भी गैरसैंण का विधिवत भूमिधर बन गया हूं।
त्रिवेंद्र रावत, मुख्यमंत्री

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