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यूजेवीएनएल के 98 करोड़ के घपले की जांच पूरी, 800 रुपये के तार को 3300 रुपये में गया था खरीदा, बिना टेंडर के करोड़ों का खेल, साढ़े चार लाख का पैनल नौ लाख में खरीदा, 74 हजार की बैटरी 1.85 लाख 

यूजेवीएनएल के 98 करोड़ के घपले की जांच पूरी, 800 रुपये के तार को 3300 रुपये में गया था खरीदा, बिना टेंडर के करोड़ों का खेल, साढ़े चार लाख का पैनल नौ लाख में खरीदा, 74 हजार की बैटरी 1.85 लाख

देहरादून।

उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड के छिबरो, खोदरी, डाकपत्थर पॉवर हाउस में 98 करोड़ की खरीद, कार्यों में हुए घपलों की जांच पूरी हो गई है। अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान ने अपनी जांच रिपोर्ट सचिव ऊर्जा राधिका झा को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट को अभी गोपनीय रखा गया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार जांच रिपोर्ट में बड़ी गड़बड़ियों की पुष्टि की गई है। साथ ही आरोपी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति को उच्च स्तरीय जांच की ओर इशारा किया गया है।
यूजेवीएनएल में बड़े पैमाने पर पॉवर हाउस के कार्यों में गड़बड़ी की गई थी। पहले उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने अपनी रिपोर्ट में इन गड़बड़ियों की पुष्ट की थी। खरीद प्रक्रिया से लेकर खर्च हुए 98 करोड़ के बजट पर सवाल उठाए गए थे। इसके बाद ताबड़तोड़ शिकायतें सीएम तक पहुंची। इस पर सीएम त्रिवेंद्र रावत ने जांच के निर्देश दिए। जांच अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान से कराई गई।
नियामक आयोग ने अपनी रिपोर्ट में साफ किया था कि सिर्फ केबिल की खरीद में ही गड़बड़ी नहीं हुई, बल्कि पैनल, बैटरी, चार्जर और अन्य केबिल की खरीद भी दोगुना से अधिक दाम पर हुई। साढ़े चार लाख का पैनल नौ लाख तो 74 हजार की बैटरी 1.85 लाख में खरीदी गई। 11 केवी केबिल भी 700 रुपये की 2595 रुपये में खरीदी गई। यूजेवीएनएल ने यूपीसीएल से दोगुना दाम पर ये तमाम सामान खरीदे। अब अपर सचिव की जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद इस खरीद से जुड़े अफसरों और कंपनियों की परेशानी बढ़ गई है।
राधिका झा, सचिव ऊर्जा के अनुसार अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान की जांच रिपोर्ट मिल गई है। अभी उसका अध्ययन किया जाएगा। जांच रिपोर्ट में जो भी आएगा, उसी के अनुरूप आगे कार्रवाई होगी। यदि किसी की भी गड़बड़ी सामने आई, तो किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

यहां भी हुए घपले
11 केवी के आउट गोइंग पैनल 7.95 लाख में खरीदे गए। जबकि यूपीसीएल ने 4.14 लाख में खरीदे। इनकमर पैनल 4.56 लाख की बजाय 9.07 लाख में खरीद हुई। 11 केवी बस कॉप्लर पैनल 4.52 लाख की बजाय 9.07 लाख, एमएस चैनल 46.50 रुपये प्रति किलो की बजाय 86.70 रुपये प्रति किलो खरीदे गए। कंट्रोल केबिल की खरीद भी 80 रुपये मीटर की बजाय 162.18 रुपये, 24 वोल्ट बैटरी चार्जर 74 हजार रुपये की जगह 1.85 लाख में खरीदे गए। हर सामान दो से चार गुना अधिक रेट तक खरीदा गया।

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