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यूपीसीएल को 15.68 करोड़ की चपत लगाने वालों को ही कर दिया 25 लाख का भुगतान, मैनेजमेंट के भुगतान न करने के आदेश के बाद भी कर दिया भुगतान, विवादित भुगतान पर 13 इंजीनियरों को मिली है चार्जशीट, भुगतान में लगातार हो रहे भेदभाव

यूपीसीएल को 15.68 करोड़ की चपत लगाने वालों को ही कर दिया 25 लाख का भुगतान, मैनेजमेंट के भुगतान न करने के आदेश के बाद भी कर दिया भुगतान, विवादित भुगतान पर 13 इंजीनियरों को मिली है चार्जशीट, भुगतान में लगातार हो रहे भेदभाव

देहरादून।

यूपीसीएल को 15.68 करोड़ की चपत लगाने वाले इंजीनियरों को ही 25 लाख का भुगतान कर दिया गया। मैनेजमेंट के भुगतान न करने के आदेश के बाद भी भुगतान किया गया। विवादित भुगतान पर 13 इंजीनियरों को चार्जशीट तक मिल चुकी है। इन्हीं इंजीनियरों से रिकवरी भी होनी है। इस भुगतान लेकर यूपीसीएल में हंगामा खड़ा हो गया है।
यूपीसीएल ने जिटको कंपनी को 2004 में बिजली घर, बिजली लाइन, ट्रांसफार्मर का काम दिया। इंजीनियरों की लापरवाही से इस काम को लेकर हुए भुगतान विवाद में यूपीसीएल को 50 लाख के काम का 15.68 करोड़ का भुगतान करना पड़ा। ऐसे में मैनेजमेंट ने तय किया था कि इस मामले से जुड़े किसी भी इंजीनियर और अन्य अफसरों को रिटायर होने के बाद भी किसी तरह का भुगतान नहीं होगा। बाकायदा महाप्रबंधक केबी चौबे की ओर से 29 अक्तूबर को दो आदेश जारी किए गए।
एक आदेश मुख्य अभियंता राजेंद्र सिंह बर्फाल और दूसरा आदेश महाप्रबंधक मुहम्मद इकबाल के लिए हुआ। आदेश में स्पष्ट किया गया कि यपूी सरकारी सेवा नियमावली (अनुशासन एवं अपील)-1999 के नियम सात के तय प्रावधानों के तहत गंभीर आरोपों पर चार्जशीट दी गई है। इसे लेकर जांच चल रही है। ऐसे में जांच पूरी होने, निर्दोष या दंड मिलने की स्थिति के बाद ही लंबित भुगतान होंगे। इसके बावजूद यूपीसीएल ने सिविल सर्विस रेगूलेशन के अनुच्छेद 351 के प्रावधानों का उल्लंघन करते मुख्य अभियंता रहे आरएस बर्फाल को 25 लाख का भुगतान कर दिया। भुगतान के बाद अब विधिक राय की सुध अफसरों को आई है। निदेशक मानव संसाधन एके सिंह के अनुसार इस मामले में विधिक राय ली जा रही है। उसी अनुरूप आगे फैसला लिया जाएगा।

अब रिकवरी किससे करेंगे
15.68 करोड़ की रिकवरी अब कैसे होगी, ये यूपीसीएल अफसरों को नहीं सूझ रहा है। उपार्जित अवकाश नगदीकरण का 25 लाख का भुगतान कर दिया गया है। अब शेष ग्रेच्युटी और जीपीएफ शेष है। जीपीएफ से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।

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