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गोल्डन कार्ड को समाप्त न किया जाए, बस कमियों को किया जाए दूर, उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन ने उठाई मांग 

गोल्डन कार्ड को समाप्त न किया जाए, बस कमियों को किया जाए दूर, उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन ने उठाई मांग

देहरादून।

उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन ने गोल्डन कार्ड को समाप्त करने की बजाय उसे और अधिक सुविधाजनक बनाने की मांग की। इसकी विसंगतियों को दूर किया जाए। ताकि कर्मचारियों के लिए और सुविधाजनक बन सके।
एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील दत्त कोठारी और महामंत्री पूर्णानंद नौटियाल ने कहा की फेडरेशन द्वारा केंद्र की तर्ज पर यू हेल्थ कार्ड की सुविधा की मांग वर्षों से की जा रही थी। कई वर्षों द्वारा की जा रही मांग को देखते हुए ही राज्य सरकार ने अब स्टेट गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम के तहत राज्य कर्मियों के लिए गोल्डन कार्ड की सुविधा लागू की। इसे लागू हो जाने के पश्चात अब समाप्त करना उचित नहीं है।
उन्होंने कहा की यह योजना राज्य कर्मियों के स्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर विषय है। इस पर राज्य सरकार को गंभीरता से विचार कर संगठन द्वारा दिए गए सुझाव, प्रस्ताव पर शीघ्र विचार कर इस योजना को और सुविधाजनक बनाते हुए शीघ्र संशोधन शासनादेश जारी करना चाहिए। ताकि राज्य कर्मियों द्वारा जो अंशदान उत्तराखंड शासन द्वारा माह जनवरी 2021 से काटना शुरू कर दिया है। उसके अनुरूप कार्मिकों को समस्त स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान हो सके।
कहा कि फेडरेशन इस योजना को समाप्त करने के पक्ष में कभी नहीं रहा है, बल्कि योजना को और सुदृढ़ कर कार्मिकों हेतु केंद्र की तर्ज पर इसे लागू करने तथा ओपीडी में समस्त जांचें एवं पैथोलॉजी यूरोलॉजी टेस्ट की सुविधा निशुल्क करने के साथ ही दवाइयां भी निशुल्क उपलब्ध कराने, प्रदेश एवं प्रदेश से बाहर उच्च कोटि के अस्पतालों को योजना में सम्मिलित करने की मांग शुरू से करता रहा है।

सीएम को भी भेजा ज्ञापन, आंदोलन की चेतावनी
एसोसिएशन ने मंगलवार को मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन प्रेषित करते हुए राज्य कर्मियों हेतु स्टेट गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम के अंतर्गत लागू गोल्डन कार्ड की व्यवस्था में उत्पन्न विसंगतियों के निराकरण की शीघ्र मांग की गई है। जिसमें मुख्य रुप से अस्पताल में भर्ती होने पर समस्त रोगों के उपचार की सुविधा ओपीडी में समस्त पैथोलॉजी एवं यूरोलॉजी टेस्ट की निशुल्क सुविधा समस्त जांचों की निशुल्क सुविधा दवाइयों की निशुल्क सुविधा आदि देने की मांग की गई है। इस योजना को बन्द कर पूर्व व्यवस्था बहाल करने से कार्मिकों की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का समाधान नहीं होगा, बल्कि योजना को और सुदृढ़ बनाकर कार्मिकों से लिए जा रहे अंशदान के अनुरूप स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्त सुविधायें निशुल्क उपलब्ध कराने पर ही इस गम्भीर समस्या का समाधान होगा। इसके लिए हर स्तर से उतराखण्ड शासन पर पूरा दबाव बनाने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा यदि उत्तराखंड शासन द्वारा इस विषय पर शीघ्र विचार कर योजना में संगठन की मांग के अनुरूप आवश्यक संशोधन कर शासनादेश जारी नहीं किया जाता है तो कोरोना काल के सामान्य होते ही प्रदेश व्यापी आंदोलन करने पर निर्णय लिया जाएगा।

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