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मिनिस्टीरियल कर्मचारी वसूली आदेश और वादाखिलाफी से नाराज, उत्तरांचल फैडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन 

मिनिस्टीरियल कर्मचारी वसूली आदेश और वादाखिलाफी से नाराज, उत्तरांचल फैडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

देहरादून।

उत्तरांचल फैडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन ने 10, 16, 26 वर्ष में एसीपी और एमएसीपी की व्यवस्था को बंद करने और कर्मचारियों से वसूली का विरोध किया। मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज कर वसूली आदेश पर रोक लगाने की मांग की।
एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील दत्त कोठारी और महामंत्री पूर्णानंद नौटियाल ने कहा कि पूर्व में अपर मुख्य सचिव कार्मिक के साथ कई अहम बिंदुओं पर सकारात्मक वार्ता हो चुकी है। इसमें आश्वासन दिया गया कि सभी लंबित मांगों को पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। कहा कि मिनिस्टीरियल कर्मचारियों को 10, 16, 26 वर्ष पर मिल रही एसीपी, एमएसीपी की सुविध बंद करने और दिए गए लाभ को वापस लेने के आदेश हुए। इसका विरोध हुआ। शासन दोहरा लाभ देने की गलत बात कह रहा है। क्योंकि मिनिस्टीरियल कर्मचारियों को 10, 16, 26 वर्ष में पदोन्नति का पद उपलब्ध न होने पर एसीपी, एमएसीपी का लाभ अन्य संवर्गों की भांति दिया जाता रहा है।
ऐसे में यदि दूसरे संवर्ग में पदोन्नति के पद हैं और पदोन्नति न होने पर एसीपी का लाभ दिया जाता है, तो यही लाभ मिनिस्टीरियल कर्मियों को नहीं दिया जाता है, तो क्या ये भेदभाव नहीं होगा। यदि यही भेदभाव जारी रखा गया, तो आंदोलन तय है। कहा कि मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति को पात्रता अवधि 25 वर्ष के स्थान पर 22 वर्ष किए जाने पर सहमति बनी थी। इसके बाद भी अभी तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। शासनादेश तक जारी नहीं हुआ है।

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