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उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने साफ की स्थिति, बिजली कनेक्शन लेने पर भूस्वामित्व नियमों में नहीं कोई बदलाव, पूर्व के नियम बरकरार, भवन की जमीन के स्वामित्व से जुड़े दस्तावेज अनिवार्य नहीं, कागज न होने पर तीन गुना अधिक जमानत राशि पर मिलेगा कनेक्शन 

उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने साफ की स्थिति, बिजली कनेक्शन लेने पर भूस्वामित्व नियमों में नहीं कोई बदलाव, पूर्व के नियम बरकरार, भवन की जमीन के स्वामित्व से जुड़े दस्तावेज अनिवार्य नहीं, कागज न होने पर तीन गुना अधिक जमानत राशि पर मिलेगा कनेक्शन

देहरादून।

उत्तराखंड में बिजली कनेक्शन लेने के दौरान वैध भूस्वामित्व दस्तावेज दिखाना अनिवार्य नहीं किया गया है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने स्थिति साफ करते हुए कहा कि पुराने नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। भवन की जमीन के स्वामित्व से जुड़े दस्तावेज न होने पर तीन गुना अतिरिक्त जमानत राशि देकर आज भी कनेक्शन लिए जा सकते हैं।
नियामक आयोग की ओर से पिछले दिनों बिजली कनेक्शन जारी किए जाने को लेकर नई नियमावली जारी की। इसे लेकर कुछ गफलत की स्थिति पैदा हुई। इस पर आयोग ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। यदि किसी व्यक्ति के पास जमीन से जुड़े वैध प्रमाण पत्र, दस्तावेज नहीं है, तो भी वो बिजली का कनेक्शन ले सकता है। सिर्फ उन मामलों में जहां, भवन को लेकर न्यायालय या जिलाधिकारी, नगर निगम के स्तर से रोक लगाई गई हो, वहां कनेक्शन नहीं दिया जा सकेगा।
विद्युत नियामक आयोग के नये बिजली कनेक्शन देने के नियम 28 नवंबर से लागू होंगे। हालांकि इसे जारी सात दिसंबर को किया गया। इस बीच 28 नवंबर से सात दिसंबर के बीच कनेक्शन लेने वालों को अलग से बढ़ा हुआ शुल्क जमा कराना पड़ रहा है। इसके लिए लोगों को नये सिरे से ऊर्जा निगम के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
प्रभात डिमरी, निदेशक तकनीकी विद्युत नियामक आयोग के अनुसार बिजली कनेक्शन लेने को लेकर भूस्वामित्व दस्तावेजों की पुरानी प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसे लेकर आज भी पुरानी प्रक्रिया, प्रावधान ही लागू है। सिर्फ ऐसे मामले, जहां कोर्ट, जिला प्रशासन की ओर से रोक लगाई जाएगी, वहां कनेक्शन नहीं मिलेंगे।

दरों में की जाए कमी, उठी मांग
देहरादून। सामाजिक कार्यकर्ता वीरू बिष्ट ने विद्युत नियामक आयोग से बढ़ी हुई बिजली दरें कम करने की मांग की। कहा कि आम उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त दबाव न डाला जाए। पहले ही हर साल बिजली की नई दरें जारी कर उपभोक्ताओं पर दबाव डाला जा रहा है। अब अप्रैल 2021 से फिर नई दरें लागू कर दी जाएंगी।

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