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उत्तराखंड लेखपाल संघ समेत प्रदेश के राजस्व से जुड़े कर्मचारी संगठनों ने पूरे प्रदेश में जताया विरोध, दबाव में आए अफसर, राजस्व परिषद ने आज वार्ता को बुलाया, प्रशासनिक अधिकारियों को तहसीलदार का चार्ज देने से नाराज हैं राजस्व कर्मचारी

उत्तराखंड लेखपाल संघ समेत प्रदेश के राजस्व से जुड़े कर्मचारी संगठनों ने पूरे प्रदेश में जताया विरोध, दबाव में आए अफसर, राजस्व परिषद ने आज वार्ता को बुलाया, प्रशासनिक अधिकारियों को तहसीलदार का चार्ज देने से नाराज हैं राजस्व कर्मचारी

देहरादून।

राज्य की तहसीलों में प्रशासनिक अधिकारियों को नायब तहसीलदार और तहसीलदार का चार्ज देने के खिलाफ प्रदेश स्तर पर आंदोलन शुरू हो गया है। प्रदेश भर में तहसीलों में राजस्व से जुड़े अधिकतर कर्मचारी संगठनों ने एकजुट होकर धरना दिया। राजस्व परिषद के आदेश के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर विरोध जताया गया।
देहरादून समेत सभी तहसील मुख्यालयों पर रजिस्ट्रार कानूनगो, कानूनगो, पटवारी एकजुट हुए। सभी ने एक सुर में राजस्व परिषद के आदेश को नियम विरुद्ध करार दिया। देहरादून में धरने को संबोधित करते हुए लेखपाल संघ के प्रदेश अध्यक्ष हुकुम चंद ने कहा कि जिन प्रशासनिक अधिकारियों को राजस्व कार्यों का रत्ती भर भी ज्ञान नहीं है। उन्हें कैसे इतना अहम और संवदेनशील जिम्मा दिया जा सकता है। जबकि सभी जिला प्रशासन के पास वैकल्पिक व्यवस्था में चार्ज देने के लिए तमाम कानूनी जानकारों के विकल्प मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि पहले तो पदोन्नति में समय लगाया जा रहा है। दूसरा इस तरह के बेतुके आदेश कर कर्मचारियों को भड़काया जा रहा है। इसके खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा। इस आंदोलन से जो भी परेशानी जनता को होती है, तो इसके लिए सीधे तौर पर सरकार जिम्मेदार है।
जिलाध्यक्ष जिलाध्यक्ष संगत सिंह सैनी, महामंत्री मनोज मिश्रा ने कहा कि तहसीलदार पद के लिए अनुभव बेहद जरूरी है। बिना अनुभव के चार्ज देना पूरी तरह गलत है। वो भी तब, जबकि अनुभवी लोग मौजूद हैं। उत्तराखंड रजिस्ट्रार कानूनगो संघ के अध्यक्ष राकेश शाह और महासचिव विनोद पंवार ने कहा कि इस आदेश को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
विरोध जताने वालों में हुकुम चंद, ओमप्रकाश, जिलाध्यक्ष संगत सिंह सैनी, महामंत्री मनोज मिश्रा, रविकांत दानिया, आनंद सिंह रावत, रिजवान अहमद, संजय वर्मा, जयपाल सिंह रावत, सरदार सिंह चौहान, राधेश्याम पैन्यूली, कमल राठौर, प्रदीप कुमार, राजेश उनियाल, आरके संघ से जसपाल सिंह राणा, प्रेम सिंह, गंगा प्रसाद उनियाल, कानूनगो संघ से जय सिंह सैनी, विजय पाल सिंह चौहान, आत्माराम, अब्दुल अजीज आदि मौजूद रहे।

पहाड़ों में संघ ने भी किया कार्यबहिष्कार
पर्वतीय राजस्व निरीक्षक, राजस्व उपनिरीक्षक एवं राजस्व सेवक संघ ने भी दो दिवसीय कार्यबहिष्कार के तहत सोमवार 22 मार्च को सभी तहसीलों में विरोध जताया। संघ ने एक अप्रैल से अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल की भी चेतावनी दी। संघ के अध्यक्ष वियजपाल सिंह मेहता और महासचिव महिपाल सिंह पुंडीर ने साफ किया कि इस तरह के बेतुके आदेशों को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

परिषद ने वार्ता को बुलाया
कर्मचारी संगठनों के आंदोलन को देखते हुए राजस्व परिषद की ओर से वार्ता का निमंत्रण दिया गया। लेखपाल संघ के अध्यक्ष हुकुम चंद ने बताया कि मंगलवार को वार्ता के लिए बुलाया गया। वहां मजबूती के साथ अपनी बात रखी जाएगी। इस आदेश के निरस्त होने के बाद ही आंदोलन समाप्त होगा।

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