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कौन कहता है त्रिवेंद्र सरकार में काम नहीं हुआ, एकबार सूर्यधार झील के काम को देखें, 18 गांवों का जल संकट होगा दूर, पर्यटन का बनेगा बड़ा ठिकाना

कौन कहता है त्रिवेंद्र सरकार में काम नहीं हुआ, एकबार सूर्यधार झील के काम को देखें, 18 गांवों का जल संकट होगा दूर, पर्यटन का बनेगा बड़ा ठिकाना

देहरादून।

देहरादून जनपद के डोईवाला विधानसभा में सूर्यधार झील निर्माण से आसपास के 18 गांवों की 35 हजार आबादी को पीने का पानी मिलेगा। झील से दो क्यूसेक पानी पेयजल के लिए दिया जाएगा। वहीं, 12500 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलेगी। आपको दून के भोगपुर से लेकर रानीपोखरी, घमंडपुर समेत निकटवर्ती 18 गांव में बीते दो दशकों में आबादी तेजी से बढ़ी है। ऐसे में यहां पर आमजन की जरूरतों में भी तेजी से उछाल आया है।
पेयजल किल्लत व खेतों की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी न मिलना भी इस इलाके में बड़ी समस्या के रूप में उभरी है। इलाके में पर्याप्त नदियां होने के बावजूद सरकारों की ओर से पेयजल किल्लत को दूर करने के प्रयास नहीं किए गए। पिछली कांग्रेस सरकार में तो इस बारे में ज्यादा चर्चा तक नहीं हुई लेकिन त्रिवेंद्र सरकार ने सत्ता संभालने के साथ ही इस दिशा में काम शुरू कर दिया था।

इस कार्य के लिये जाखन नदी पर सूर्यधार नामक स्थान का चयन किया गया। बीते तीन साढ़े तीन साल में त्रिवेंद्र सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति के चलते वर्तमान में ये परियोजना तेजी से मूर्त रूप ले रही है। इससे देहरादून की जनता को शुद्ध ग्रेविटी पेयजल व सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध होगा। साथ ही सूर्यधार झील पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केन्द्र भी बनेगी। इससे स्थानीय लोगों को स्वरोजगार व रोजगार के अवसर मिलेंगे साथ ही यह उनकी आजीविका का भी मजबूत आधार बनेगा।

बता दें कि यह परियोजना मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। आने वाले दिनों में यह स्थान दून के पर्यटन मानचित्र पर भी चमक बिखरने को तैयार है।

18 गांवों के लोगों को मिलेगा पीने का पानी
सूर्यधार झील निर्माण से आसपास के 18 गांवों की 35 हजार आबादी को पीने का पानी मिलेगा। झील से दो क्यूसेक पानी पेयजल के लिए दिया जाएगा। वहीं, 12500 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलेगी।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
सूर्यधार झील बनने पर पर्यटकों को घूमने के लिए एक नया स्थान मिलेगा। बैराज के आसपास के क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से सौंदर्यीकरण किया जाएगा। बैराज के दोनों तरफ टेरेस और ग्लास हाउस, काटेज का निर्माण किया जाएगा। जिससे यहां आने वाले पर्यटक कुछ पल सुकून के बिता सकेंगे।

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