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जोखिम भरी खतरनाक बिजली लाइनों पर काम कर रहे बिजली उपनल कर्मचारी क्यों घोषित नहीं हो रहे कोरोना वॉरियर, मौत पर मुआवजा भी नहीं, उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन ने मुआवजे को बनाया दबाव

जोखिम भरी खतरनाक बिजली लाइनों पर काम कर रहे बिजली उपनल कर्मचारी क्यों घोषित नहीं हो रहे कोरोना वॉरियर, मौत पर मुआवजा भी नहीं, उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन ने मुआवजे को बनाया दबाव

देहरादून।

उत्तरखंड विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन ने घनसाली में उपनल कर्मचारी के लाइन पर काम करने के दौरान करंट लगने से हुई मौत पर आश्रितों को उचित मुआवजा देने की मांग की। संगठन ने अन्य कर्मचारियों की भांति बिजली उपनल कर्मचारियों को भी कोरोना वॉरियर घोषित किए जाने की मांग की। खतरनाक बिजली लाइनों पर जोखिम भरा काम करने वाले कर्मचारियों का सामूहिक बीमा करने के साथ ही मेडिकल सुविधा देने की भी मांग की।
कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष विनोद कवि ने कहा कि हर साल बिजली लाइनों पर काम करने के दौरान उपनल कर्मचारियों की मौत हो जाती है। वे गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं। पिछले दो महीने पहले रामनगर में जहां कर्मचारी का हाथ काटना पड़ा। वही घनसाली में एक कर्मचारी की मौत हो गई। हर साल इस तरह की घटनाओं में इजाफा हो रहा है। इसके बाद भी कर्मचारियों को राहत पहुंचाने की कोई नीति तैयार नहीं की जा रही है। कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष विनोद कवि ने कहा कि लाइनों पर काम करने वाले संविदा, उपनल कर्मचारियों को नियमित रूप से प्रशिक्षण के साथ ही सुरक्षा उपकरण दिए जाएं। कर्मचारियों का ग्रुप इंश्योरेंस करने के साथ ही मेडिकल सुविधा दी जाए। किसी भी हादसे में निधन होने पर दस लाख मुआवजा दिया जाए। मृतक आश्रित को संविदा पर ही रोजगार दिया जाए। उन्हें कोरोना वॉरियर घोषित किया जाए।

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