बिजली दरों की सुनवाई पर भी पड़ा कोरोना का असर, अब सिर्फ देहरादून और नैनीताल में ही होगी जन सुनवाई, पहले गढ़वाल, कुमाऊं के पहाड़ी जिलों में सुनवाई का तय होता था कार्यक्रम
देहरादून।
राज्य में बिजली दरें घोषित से पहले होने वाली जनसुनवाई पर भी कोरोना का असर देखने को मिल रहा है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने इस बार सुनवाई के लिए स्थान कम कर दिए हैं। अब चार की जगह सिर्फ दो ही स्थानों पर सुनवाई होगी। इस बार गढ़वाल और कुमाऊं के पहाड़ी जिलों में सुनवाई नहीं होगी।
अभी तक हर साल दो स्थानों पर गढ़वाल और दो स्थानों पर कुमाऊं मंडल में सुनवाई होती थी। लोगों प्रस्तावित दरों पर अपना पक्ष रखने का राज्य में चार स्थानों मौका मिलता था। गढ़वाल में देहरादून के अलावा पहाड़ के शेष किसी एक जिले में सुनवाई तय होती थी। कभी श्रीनगर, तो कभी रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी, उत्तरकाशी में सुनवाई होती थी। यही स्थिति कुमाऊं में नैनीताल जिले के अलावा मंडल के किसी एक और जिले का चयन किया जाता था। इस बार कोरोना का हवाला देते हुए सिर्फ देहरादून और नैनीताल में ही सुनवाई होगी। देहरादून में दस अप्रैल को विद्युत नियामक आयोग मुख्यालय और नैनीताल में छह अप्रैल को नैनीताल कल्ब में सुनवाई होगी।
अप्रैल आखिरी सप्ताह में घोषित होंगी दरें
आयोग तकनीकी सदस्य एमके जैन ने बताया कि पूरा प्रयास किया जा रहा है कि अप्रैल आखिरी सप्ताह में नई दरों की घोषणा कर दी जाए। इसके लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। यूपीसीएल के अलावा पिटकुल और यूजेवीएनएल का भी टेरिफ जारी होगा। पिछले लंबे समय से आयोग घरेलू बिजली दरों में बढ़ोत्तरी नहीं कर रहा है। ये चुनावी वर्ष होने के कारण दरों में अधिक बढ़ोत्तरी नहीं होने की ही संभावना नजर आ रही है।
लिखित औन ऑनलाइन भी दे सकते हैं सुझाव
जो लोग सुनवाई के दौरान अपना पक्ष नहीं रख पाएंगे, उनके लिए आपत्ती व सुझाव लिखित और ऑनलाइन रखने का विकल्प रहेगा। ताकि अधिक से अधिक संख्या में लोग अपना पक्ष रख सकें।
कोविड को देखते हुए जनसुनवाई को सीमित किया है। अब देहरादून और नैनीताल में ही सुनवाई होगी। लिखित व ऑनलाइन सुझाव रखने काह का विकल्प खुला रखा है। ताकि अधिक से अधिक लोगों अपना पक्ष रख सकें।
एमके जैन, तकनीकी सदस्य विद्युत नियामक आयोग