आठ डिवीजनों का खामियाजा भुगत रहे 44 डिवीजन, छोटे उद्योगों से भी लग रही चपत, हरिद्वार के कई गांवों में घुसने तक की नहीं हिम्मत
देहरादून।
राज्य में सालाना 1860 मिलियन यूनिट बिजली का नुकसान होता है। ये नुकसान बिजली चोरी, लाइन लॉस के रूप में होता है। इसमें विभागीय मिलीभगत से फर्नेश उद्योगों में होने वाली बिजली चोरी भी नुकसान की एक एक बड़ी वजह है। अकेले हरिद्वार जिले में ही 700 एमयू का नुकसान होता है। फर्नेश से जुड़े उद्योगों में पहले बिजली चोरी और दूसरा समय पर बिल भुगतान न होने से दोहरा नुकसान हो रहा है। सबसे ज्यादा लाइन लॉस रुड़की में 31.33 प्रतिशत, लक्सर 25.85 प्रतिशत, ज्वालापुर 21.75 प्रतिशत, भगवानपुर 12.38 प्रतिशत, हरिद्वार में 11.55 प्रतिशत है। जसपुर में 11.89 प्रतिशत, रुद्रपुर 8.01 प्रतिशत, काशीपुर 10.30 प्रतिशत बिजली का नुकसान हो रहा है।
बिजली चोरी में 50 किलोवॉट तक के छोटे उद्योगों के कारण भी लाइन लॉस हो रहा है। यहां तय लोड से अधिक बिजली का इस्तेमाल कर नुकसान पहुंचाया जाता है। रुड़की, काशीपुर रुद्रपुर में इस तरह के कई केस पकड़ में आ चुके हैं। जेई से लेकर एई तक निलंबित हो चुके हैं। कहीं ट्यूबवेल के कनेक्शन पर राइस मिल चलाई जा रही थी। तो कहीं पूरी फैक्ट्री ही संचालित हो रही थी।
सबसे अधिक लाइन लॉस हरिद्वार, यूएसनगर में है। हरिद्वार में कई गांव ऐसे हैं, जहां यूपीसीएल के कर्मचारी, इंजीनियर जाने तक की हिम्मत नहीं जुटा पाते। आए दिन इन गांवों में कर्मचारियों के साथ मारपीट की सूचनाएं आती रहती हैं।