स्थानीय उधोगों में 70 प्रतिशत रोजगार कराया जाएगा सुनिश्चित, सीएम ने दिए निर्देश
देहरादून।
आयुष विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने निर्देश दिये कि आयुष विभाग द्वारा लोगों को योग, प्रणायाम डाइट चार्ट एवं आयुष से संबधित विभिन्न गतिविधियों के बारे में विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जाय। कोविड के दौरान आयुष और होम्योपेथी की ओर लोगों का रूझान बढ़ा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रयास किये जाय कि अधिकांश जगह पर लोगों को आयुष, होम्योपैथी एवं ऐलोपैथिक सुविधाएं मिल जाये। जिन जनपदों में आयुष विभाग का अपना भवन नहीं हैं, जिलाधिकारियों के माध्यम से लंबे समय से खाली सरकारी भवनों या स्कूलों में व्यवस्था की जाय। चरक डांडा में अन्तरराष्ट्रीय शोध संस्थान के लिए जल्द डीपीआर बनाई जाय।
आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि कोविड के दौरान आयुष विभाग द्वारा दो लाख से अधिक काढ़ा के रूप में सुरक्षा किट वितरित की गई। आयुष विभाग द्वारा प्री कोविड और पोस्ट कोविड किट तैयार की गई है।
सेवायोजन एवं कौशल विकास-* सेवायोजन एवं कौशल विकास की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन 25 आईटीआई को अपग्रेड किया जा रहा है। उनमें प्रशिक्षण की बेहतर व्यवस्था के साथ ही प्रशिक्षण लेने वाले विद्यार्थियों के प्रतिभा प्रदर्शन एवं प्रोत्साहित करने के लिए प्रोडक्शन एवं मार्केटिंग की व्यवस्था भी की जाय। समय एवं परिस्थितियों के साथ आईटीआई के स्वरूप में बदलाव लाना होगा। स्किल एवं लाइवलीहुड सेंटरों की मजबूती की दिशा में कार्य किये जाय। आधुनिकतम तकनीकि के साथ अभिनव प्रयोगों पर ध्यान देने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाय कि उत्तराखण्ड के औद्योगिक संस्थानों में 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार मिले। इसके लिए उद्योग विभाग की जिम्मेदारी तय की जाय।
श्रम विभाग की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि वर्ष 2017 में उत्तराखण्ड दुकान और स्थापन अधिनियम में संशोधन किया गया जिसके अंतर्गत दस से कम कर्मकार नियोजित करने वाले दुकानों एवं स्थापनां को पंजीयन की आवश्यकता नहीं रह गई है। पंजीयन एक बार किया जायेगा। नवीनीकरण की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है। कारखाना अधिनियम, 1948 के अन्तर्गत महिला कर्मकारों को भी कारखानों में तीनों पालियों में कार्य करने की छूट दी गई है। कारखाना अधिनियम, 1948 के अन्तर्गत कारखानों के लाइसेंस का नवीनीकरण 10 वर्ष तक किये जाने की व्यवस्था की गई है, जिससे व्यापार में सुगमता आई है। वैश्विक महामारी कोविड-19 के दृष्टिगत राज्य में स्थापित समस्त कारखानों को 12-12 घण्टे की दो पालियों में कार्य करने की अनुमति दी गई जिसमें 4 घण्टे ओवरटाईम के रखते हुये नियमानुसार भुगतान की व्यवस्था की गई। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अन्तर्गत किये गये सुधारों में विभिन्न श्रम अधिनियमों/कारखाना तथा ब्वॉयलर अधिनियम के अंतर्गत पंजीकरण तथा नवीनीकरण का समस्त कार्य ऑनलाईन किया जा रहा है। कारखानों में थर्ड पार्टी निरीक्षण/ऑडिट की व्यवस्था शुरू की गई है। विभागीय वेबसाईट को उद्योग विभाग के सिंगल विंडों सिस्टम तथा भारत सरकार के श्रम सुविधा पोर्टल के साथ इंटीग्रेट किया गया है।
इस अवसर पर पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस.नेगी, मुख्यमंत्री के तकनीकि सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह, प्रमुख सचिव श्री आनन्द वर्द्धन, सचिव श्री अमित नेगी, श्री हरबंस सिंह चुघ, श्री शैलेष बगोली, डॉ. रणजीत सिन्हा, प्रमुख वन संरक्षक श्रीमती रंजना काला, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते एवं संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।