गुस्से में बिजली कर्मचारी, बोले सरकार अब तो मानो कितने जोखिम में काम कर रहे हैं बिजली कर्मचारी, मृत बिजली कर्मियों के परिजनों को तत्काल मुआवजा उपलब्ध कराने की मांग, विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने पॉवर सेक्टर से जुड़े जोखिमों से सरकार को कराया अवगत 

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गुस्से में बिजली कर्मचारी, बोले सरकार अब तो मानो कितने जोखिम में काम कर रहे हैं बिजली कर्मचारी, मृत बिजली कर्मियों के परिजनों को तत्काल मुआवजा उपलब्ध कराने की मांग, विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने पॉवर सेक्टर से जुड़े जोखिमों से सरकार को कराया अवगत

देहरादून।

बिजली कर्मचारी गुस्से में हैं। उनका कहना है कि सरकार को अब तो मानना होगा कि वे कितने जोखिम में काम कर रहे हैं। बिजली कर्मचारियों ने मृत बिजली कर्मियों के परिजनों को तत्काल मुआवजा उपलब्ध कराने की मांग की। विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने पॉवर सेक्टर से जुड़े जोखिमों से भी सरकार को अवगत कराया।
पॉवर सेक्टर के मृत कर्मियों के परिजनों को तत्काल मुआवजा देने की मांग को लेकर विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने दबाव बनाया। चमोली हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही सरकार को पॉवर सेक्टर के कर्मचारियों से जुड़े जोखिमों से अवगत कराया गया।
टर्नर रोड पर हुई मोर्चा की बैठक में चमोली में हुए हादसे पर मारे गये लोगों की आत्मा की शान्ति को दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि दी। घायलों के शीघ्र स्वथ्य होने की कामना की गई। सरकार से अनुरोध किया गया कि आपदा में बिजली विभाग से जुड़े ऐसे कार्मिक जिनकी मौत हो गई है, उनके परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए।
पदाधिकारियों ने कहा कि चमोली आपदा ने एकबार फिर साफ कर दिया है कि बिजली कर्मचारी कितने जोखिम के बीच अपनी सेवाएं देते हैं। उनकी सेवा अन्य विभागों से कितनी अलग है। इसी अंतर के कारण बिजली कर्मचारियों को अन्य विभागों के कार्मिकों की तुलना में अलग वेतनमान और हितलाभ दिये जाते हैं। वर्तमान में ऊर्जा के तीनों बिजली निगम उत्पादन, ट्रांसमिशन, सप्लाई में देश के अलग राज्यों की श्रेणी में आगे हैं। इसके बाद भी बिजली कर्मचारियों को मिलने वाली पुरानी सुविधाओं को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
इसे लेकर बिजली कर्मचारियों में लगातार आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इससे औद्योगिक अशान्ति फैलने की पूरी सम्भवना बनी हुई है। ऐेसे में बेहतर यही होगा कि तत्काल सभी मांगों को पूरा किया जाए। ऐसा न होने पर आंदोलन तय है। बैठक में इंसाररूल हक, राकेश शर्मा, कार्तिकेय दूबे, अमित रंजन, अनिल मिश्रा, विनोद ध्यानी, पंकज सैनी, पीपी शर्मा, विजय बिष्ट, मुकेश कुमार, विनोद कवि, प्रमोद कुमार, केहर सिंह, गोविन्द नौटियाल मौजूद रहे।

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