छह लाख बिजली उपभोक्ताओं का विलंब शुल्क माफ, ऊर्जा निगम पर पड़ेगा 230 करोड़ का बड़ा भार, सरकार बिलों में करेगी एडजस्ट, विलंब शुल्क माफ होने पर करीब एक हजार करोड़ के अटके हुए बिल वसूली की उम्मीद
देहरादून।
राज्य के छह लाख बिजली उपभोक्ताओं से एक हजार करोड़ रुपये वसूलने को कैबिनेट ने विलंब शुल्क माफ कर दिया है। इससे सरकार पर 230 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा। इसे सरकार आगे चल कर एडजस्ट करेगी।
राज्य सरकार ने ये सुविधा आदेश होने के तीन महीने तक के लिए दी गई है। इसका लाभ बड़ी संख्या में उन उपभोक्ताओं को मिलेगा, जिन्होंने लंबे समय से बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है और उन पर विलंब शुल्क का भार लगातार बढ़ता जा रहा है। लॉकडाउन में कारोबार प्रभावित होने से समय पर बिल जमा न करने वाले लोगों से लेकर आम आदमी तक को इसका लाभ मिलेगा। अब सिर्फ मूल बिजली बिल ही जमा कराना होगा। शेष माफ कर दिया गया है।
लॉक डाउन में सरकार ने फिक्स चार्ज में होटल, रेस्तरां, ढाबों को तीन महीने की छूट दी थी। अब यही छूट सरकार ने धर्मशाला और सिनेमाहाल को देने का भी फैसला लिया है। उन्हें भी आदेश जारी होने के तीन महीने बाद तक ये लाभ मिलेगा। इस फैसले से घरेलू, वाणिज्यिक, व्यवसायिक श्रेणी के 75 किलोवाट और एलटी श्रेणी के औधोगिक, निजी नलकूप को विलंब अधिभार(लेट पेमेंट) में शत प्रतिशत छूट मिलेगी। इस छूट का लाभ लंबे समय से ऊर्जा निगम के चले आ रहे बकायेदारों को मिलेगा। जो तीन महीने के भीतर शत प्रतिशत बिल जमाकर इस रियायत का लाभ ले सकेंगे।