मुख्य अतिथि पहुंचे नहीं, ऐन मौके पर बत्ती हुई गुल, संयुक्त सचिव जेएल शर्मा को दिलानी पड़ी ऐन मौके पर शपथ
देहरादून।
सचिवालय संघ के शपथ ग्रहण समारोह में ऐन मौके पर मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल नहीं पहुंचे। बल्कि पूरे कार्यक्रम के साउंड सिस्टम की बत्ती भी गुल हो गई। मुख्य अतिथि के स्वागत में थाल सजा कर खड़ी महिला कर्मचारियों को लौटना पड़ा, तो शपथ दिलाने को भी एक अदद अफसर को तलाशना पड़ा। अंत में जाकर संयुक्त सचिव जेएल शर्मा को शपथ दिलानी पड़ी। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर संघ पदाधिकारी सरकार पर जमकर बरसे।
मुख्य अतिथि के लिए कृषि मंत्री सुबोध उनियाल को आमंत्रित किया गया था। उन्हें लेने संघ कार्यकारिणी का एक प्रतिनिधिमंडल विधानसभा भी पहुंचा। विधानसभा से उनकी रवानगी भी हुई। मंच पर बाकायदा इसका ऐलान होते ही उनके स्वागत को महिला कर्मचारी रोली, चावल, फूल लेकर भी पहुंची। इस बीच मंच से स्वागत को खड़ी महिला कर्मचारियों को वापस बुला लिया गया। बताया गया कि मुख्य अतिथि का काफिला ऐन मौके पर सचिवालय की जगह यमुना कालोनी अपने आवास को लौट गया है। इससे पहले साउंड सिस्टम तक पहुंचने वाली लाइट भी गुल हो गई। मौके पर मौजूद ऊर्जा निगम के अफसरों ने परेड ग्राउंड स्थित सब स्टेशन पर संपर्क किया, तो बताया गया कि लाइट चालू है। सचिवालय के इंटरनल सिस्टम से ही लाइट सप्लाई नहीं हो रही है।
हरीश रावत दो जगह से हारे
अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी कर्मचारियों की अनदेखी की। सवा साल कर्मचारियों से बात नहीं की। इसके चलते वो दो दो सीटों से चुनाव हारे। कर्मचारियों को कमजोर समझने की कोई भूल न करे।
स्थायी राजधानी बनाए गैरसैंण
दीपक जोशी ने कहा कि पहले गैरसैंण में शपथ ग्रहण समारोह की मंजूरी नहीं दी गई। अब यहां भी व्यवधान डाला गया। जबकि सरकार को गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करना चाहिए था।
आईएएस, पीसीएस अफसरों पर साधा निशाना
शपथ ग्रहण समारोह में पदाधिकारियों ने आईएएस, पीसीएस अफसरों पर निशाना साधा। अध्यक्ष ने कहा कि आईएएस अफसरों को शिथिलता देते हुए प्रभारी सचिव बना दिया जाता है, लेकिन कर्मचारियों को शिथिलता का लाभ देने को कोई तैयार नहीं है। आईएएस के सचिवालय में अपर सचिव के 11 पद हैं, लेकिन पीसीएस को बड़ी संख्या में अपर सचिव बना दिया है। एसडीएम स्तर के अफसरों से जांच कराई जा रही है। इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। काम कर्मचारी कर रहे हैं, लेकिन सीएम उत्कृष्ट अवार्ड हमेशा चहेते और घर से कैंप ऑफिस चलाने वाले अफसरों को मिल रहे हैं।