ऐन मौके पर वार्ता रद्द होने से मिनिस्टीरियल कर्मचारी नाराज, सचिव वित्त का स्वास्थ्य सही न होने के कारण वार्ता हुई स्थगित, कर्मचारियों ने ऐन मौके पर वार्ता के लिए मना करने पर जताया विरोध
देहरादून।
मिनिस्टीरियल कर्मचारी स्टाफिंग पैटर्न और एसीपी का लाभ मिलने वाले कर्मचारियों से किए गए वसूली आदेश के खिलाफ आंदोलनरत हैं। इसे लेकर बुधवार को उत्तराखंड मिनिस्टीरियल फैडरेशन ऑफ सर्विसेज एसोसिएशन को सचिव वित्त सौजन्या ने वार्ता को बुलाया था। वार्ता से ऐन दो घंटे पहले एसोसिएशन को वार्ता स्थगित होने की जानकारी मिली। इस पर पदाधिकारियों ने गहरी नाराजगी जताई।
एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील दत्त कोठारी और महामंत्री पूर्णानंद नौटियाल ने इसे शासन की मनमानी करार दिया। कहा कि वार्ता का न्यौता मिलते ही एसोसिएशन पूरी तैयारी में लगी हुई थी। दूर दूर से पदाधिकारी देहरादून पहुंच चुके थे। इसके बाद महज दो घंटे पहले वार्ता स्थगित होने की सूचना दी जाती है। यही सूचना एक दिन पहले भी दी जा सकती है। कहा कि शासन के इसी रवैये से कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। शासन का इसी तरह का व्यवहार सरकार की छवि को प्रभावित कर रहा है। इसका असर आने वाले विधानसभा चुनाव में भुगतना होगा।
उत्तरांच पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन के अध्यक्ष प्रताप पंवार, महामंत्री पंचम सिंह बिष्ट ने कहा कि जिस वसूली की बात वित्त विभाग कर रहा है, वो पूरी तरह गलत है। किसी भी कर्मचारी ने दोहरा लाभ नहीं लिया है। बेवजह इस मसले को तूल दिया जा रहा है। सरकार को गुमराह कर गलत आदेश जारी किए गए हैं। जबकि हकीकत ये है कि कर्मचारियों को नुकसान ही हुआ है। अब रिटायरमेंट के समय से तीन से चार लाख की वसूली कर उन्हें सड़क पर लाने की तैयारी की जा रही है। इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आंदोलन तेज किया जाएगा।