एसीपी की वसूली रोकने को मिनिस्टीरियल कर्मियों ने बनाया दबाव, मुख्य सलाहकार मुख्यमंत्री से मिल कर रखा अपना पक्ष, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति की पात्रता कम करने की मांग
देहरादून।
उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सलाहकार मुख्यमंत्री से मिल कर एसीपी की वसूली रोकने की मांग की। 11 सूत्रीय मांग पत्र भी एसोसिएशन ने मुख्य सलाहकार को सौंपा।
एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील दत्त कोठारी, महामंत्री पूर्णानंद नौटियाल ने कहा की मुख्य रूप से वर्तमान में मिनिस्टीरियल कर्मियों से 10,16 व 26 वर्ष की सेवा पर दिए गए एसीपी के लाभ की वसूली को रोकने की मांग की जा रही है। जिस पर शासन हठधर्मिता अपना रहा है। इसके साथ ही मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद पर 25 वर्ष के स्थान पर पदोन्नति हेतु पात्रता अवधि 22 वर्ष निर्धारित की जाए।
गोल्डन कार्ड में उत्पन्न विसंगतियों को दूर किया जाए। कहा की फेडरेशन के प्रतिनिधियों की शासन स्तर पर अपर मुख्य सचिव कार्मिक एवं सचिव वित्त से वार्ताएं होने एवं न्यायोचित बिंदुओं पर सहमति बनने के बाद भी काफी लंबे समय से शासनादेश जारी नहीं हो पाए हैं, जिसके कारण मिनिस्टिरीयल कार्मिकों को बाध्य होकर आंदोलन जैसा अप्रिय निर्णय लेना पड़ता है।
उन्होंने मुख्य सलाहकार से 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंप कर उसके प्रमुख बिंदुओं पर जिन पर की शासन स्तर पर वार्ताएं हो चुकी है और सहमति भी बनी है के शासनादेश शीघ्र जारी कराने की मांग की। पदाधिकारियों ने बताया कि जल्द सभी मांगों का निस्तारण कर दिया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल ने सचिव वित्त सौजन्य से भी भेंट की। उनको पूर्व में उनके साथ हुई वार्ता एव सहमति के अनुरूप मिनिस्टीरियल कार्मिकों से 10,16 व 26 वर्ष की सेवा पर दिये गये एसीपी के लाभ की वसूली के रोकने के आदेश अभी तक जारी नहीं होने की याद दिलाई। सचिव वित्त ने वसूली रोकने के आदेश शीघ्र जारी कराने का आश्वासन प्रतिनिधियों को दिया गया। प्रतिनिधियों में सुनील दत्त कोठारी, पूर्णानंद नौटियाल, दीपचंद्र बुड़लाकोटी, पंचम सिंह बिष्ट सामिल थे।