पॉवर सेक्टर के निजीकरण का विरोध, संसद के मानसून सत्र में लाए जा रहे इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2021 के खिलाफ आम सभा, ऊर्जा भवन में इंजीनियरों, कर्मचारियों ने मिल कर जताया विरोध, जबरदस्ती पर हड़ताल की चेतावनी 

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पॉवर सेक्टर के निजीकरण का विरोध, संसद के मानसून सत्र में लाए जा रहे इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2021 के खिलाफ आम सभा, ऊर्जा भवन में इंजीनियरों, कर्मचारियों ने मिल कर जताया विरोध, जबरदस्ती पर हड़ताल की चेतावनी

देहरादून।

पॉवर सेक्टर के निजीकरण का विरोध तेज हो गया है। संसद के मानसून सत्र में रखे जाने वाले इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2021 के खिलाफ यूपीसीएल में आम सभा हुई। इसमें सभी ने बिल का विरोध किया।
उत्तरांचल पॉवर इंजीनियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कार्तिक दुबे और महासचिव अमित रंजन ने कहा कि इस बिल के जरिए पॉवर सेक्टर का निजीकरण किए जाने की तैयारी है। सरकार ने इसी मानसून सत्र में इस बिल को रखने का ऐलान किया है। ये बिल पूरी तरह जनविरोधी और कर्मचारी विरोधी है। पॉवर सेक्टर को निजी कंपनियों के हाथों में गिरवी रख दिया जाएगा। इससे बिजली की दरें बहुत बढ़ जाएंगे। आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाएंगी।
इसके विरोध में पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कर्मचारियों ने हड़ताल का भी ऐलान किया है। साफ किया है कि यदि बिना कर्मचारियों से बात किए, जबरन इस बिल को थोपा गया, तो बिना किसी पूर्व सूचना के हड़ताल शुरू कर दी जाएगी। इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। इस पूरे एक्ट को पॉवर सेक्टर की स्टैडिंग कमेटी को भेजा जाना चाहिए। कमेटी के सामने बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मियों को अपने विचार रखने का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए। इस बिल से जहां प्राइवेट कंपनियां मुनाफा कमाएंगी, वहीं सरकारी कंपनी घाटे में चली जाएंगी। विरोध जताने वालों में अध्यक्ष कार्तिक दुबे, अमित रंजन, एनएस बिष्ट, अनिल मिश्रा, सुधीर सिंह, शिशिर श्रीवास्तव, जतिन सिंह सैनी, आशुतोष कटारिया आदि मौजूद रहे।

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