भूआवंटन के 50 प्रतिशत मामलों में हुई गड़बड़ी, भूकानून समिति के पास अधिकतर जिलों की रिपोर्ट पहुंची, मैदानी जिलों में सबसे अधिक हुई जमीनों की बंदरबांट, समिति जल्द सरकार को सौंपेगी अपनी रिपोर्ट

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भूआवंटन के 50 प्रतिशत मामलों में हुई गड़बड़ी, भूकानून समिति के पास अधिकतर जिलों की रिपोर्ट पहुंची, मैदानी जिलों में सबसे अधिक हुई जमीनों की बंदरबांट, समिति जल्द सरकार को सौंपेगी अपनी रिपोर्ट


देहरादून।

भूकानून समिति की शुक्रवार को हुई बैठक में जिलों से आई रिपोर्ट पर विचार मंथन किया गया। अधिकतर जिलों की रिपोर्ट समिति को मिल चुकी है। इन रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि भू आवंटन और मंजूरी लेकर जमीन खरीदने के 50 प्रतिशत मामलों में गड़बड़ी हुई है। जिस उद्देश्य के लिए जमीन का आवंटन लोगों को किया गया, उन्होंने उस लिहाज से जमीन का इस्तेमाल ही नहीं किया। सबसे अधिक मैदानी जिलों में जमीनों की बंदरबांट हुई। समिति भू आवंटन नियमावली, जमीनों को किस तरह बचाया जा सके, उद्योग और भविष्य की जरूरतों के बीच किस तरह समन्वय बनाया जा सके, इसे लेकर जल्द अपनी रिपोर्ट सरकार को देगा।
बीजापुर गेस्ट हाउस में शुक्रवार दोपहर करीब ढाई घंटे समिति की बैठक हुई। समिति ने भू कानून के परीक्षण और आए सुझावों पर विचार मंथन किया। राज्य की जमीनों को तरह बचाया जा सके, इसे लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। समिति ने सभी जिलाधिकारियों से जिलों की रिपोर्ट तलब की थी। इसमें बताना था कि जिलों में सरकार की ओर से उद्योग, शिक्षण संस्था, कृषि समेत अन्य उद्देश्यों के लिए आवंटित की गई जमीनों का क्या इस्तेमाल हुआ।
इसके साथ ही निकायों से बाहर भू कानून के तहत तय सीमा से अधिक जमीन खरीद की मंजूरी लेकर उसका भी दुरुपयोग किया गया। इस तरह की सबसे अधिक शिकायतें देहारादून, हरिद्वार, यूएसनगर और नैनीताल में सामने आई हैं। यहां इन चार जिलों में सबसे अधिक जमीनों की बंदरबांट हुई। इन जिलों में राज्य से बाहर के लोगों के बड़े पैमाने पर मंजूरी लेकर जमीन खरीदने के भी आरोप लगे हैं। बैठक में अध्यक्ष सुभाष कुमार, सदस्य अजेंद्र अजय, डीएस गर्ब्याल, अरुण ढौंढियाल, सचिव राजस्व दीपेंद्र चौधरी, अपर सचिव राजस्व आनंद श्रीवास्तव मौजूद रहे।

कहीं हुई प्लाटिंग, कहीं खाली पड़ी हैं जमीनें
उद्योग, कृषि, शिक्षण संस्थानों के लिए आवंटित हुई जमीनों, सरकार से मंजूरी लेकर खरीदी गई जमीनों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई हैं। कहीं प्लाटिंग कर दी गई है। कहीं लोगों ने लैंड बैंक तैयार करने के नाम पर जमीनों को खाली छोड़ दिया है। कई बड़ी संस्थाओं ने भी अपने ऑफिस, उद्योग के लिए खरीदी गई जमीनों को भी खाली छोड़ दिया गया है। देहरादून में भी राजपुर रोड जैसी जमीनों को खाली छोड़ कर रखा गया है।

23 अगस्त को होगी फाइनल बैठक
भूकानून समिति की फाइनल बैठक 23 अगस्त को होगी। बैठक में रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा। सदस्य अजेंद्र अजय ने बताया कि रिपोर्ट फाइनल कर जल्द सरकार को सौंप दी जाएगी। इस रिपोर्ट में असल हकीकत सामने रखने के साथ ही संस्तुतियां भी की जाएगी।

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