जल निगम की फर्जी नियुक्तियों पर कार्रवाई न होने पर उक्रांद ने उठाए सवाल, महिला, एससी, ओबीसी कोटे की सीटों पर राज्य से बाहर के लोगों को नियुक्ति देने पर अफसरों की भूमिका को बताया संदिग्ध

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देहरादून।

जल निगम में असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर के आरक्षित पदों पर राज्य से बाहर के लोगों की नियुक्ति पर उक्रांद ने सवाल उठाए। जांच में गड़बड़ी पाए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने को अफसरों की मिलीभगत करार दिया।
उक्रांद के केंद्रीय महामंत्री विजय बौड़ाई ने कहा कि पेयजल निगम में 2005 और 2007 में हुई भर्तियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुईं। राज्य की महिला और एससी कोटे की सीटों पर यूपी, दिल्ली, बिहार के लोगों को नौकरी दे दी गई। जो पूरी तरह नियम विरुद्ध है। राज्य के आरक्षित पदों पर किसी भी बाहरी राज्य के लोगों को नौकरी नहीं दी जा सकती। शासन भी इस गलती को मान चुका है। जांच में भी ये साफ हो गया है कि गलत लोगों का चयन हुआ है। इसके बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। शासन में एक साल से फाइल को डंप कर रखा गया है।
कहा कि राज्य के बाहर के जिन लोगों का चयन हुआ है, उनमें से अधिकतर ने अपनी पूरी 17 साल की नौकरी मैदानी सुगम क्षेत्रों में ही काट दी है। एकबार भी पहाड़ में सेवाएं नहीं दी हैं। दूसरी ओर राज्य के स्थानीय इंजीनियरों को 17 साल बाद भी पहाड़ से नीचे नहीं उतारा जा रहा है। कहा कि यदि जल्द इन नियम विरुद्ध नौकरी पाने वालों की सेवाएं समाप्त नहीं की जाती, तो आंदोलन होगा। जल्द सीएम से मिल कर कार्रवाई सुनिश्चित कराए जाने की मांग की जाएगी।

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