कर्मचारियों की मांगों को लेकर भी लागू हो सिटीजन चार्टर, कर्मचारियों को परेशान करने वाले अफसरों पर हो कार्रवाई

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कर्मचारियों की मांगों को लेकर भी लागू हो सिटीजन चार्टर, कर्मचारियों को परेशान करने वाले अफसरों पर हो कार्रवाई
जीटी रिपोर्टर, देहरादून
राज्य के कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने कर्मचारियों की मांगों के निस्तारण को लेकर भी सिटीजन चार्टर की तरह व्यवस्था लागू करने की मांग की। उत्तराखंड कार्मिक एकता मंच के वेबीनार में कर्मचारियों के प्रमोशन लटकाने समेत परेशान करने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। पुरानी पेंशन बहाली को दबाव बनाया गया।
वेबिनार में जोर दिया गया कि पदोन्नति, एसीपी समेत अन्य मामलों में सिटिजन चार्टर की तर्ज पर जवाबदेही तय हो। ताकि कर्मचारियों को अपनी मांगों के लिए भटकना न पड़े। विधानसभा सत्र में पुरानी पेंशन बहाली की संस्तुति के साथ प्रस्ताव पारित करा कर केंद्र सरकार को भेजने की मांग की गई। उत्तराखंड सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने प्रमोशन के मामलों के निस्तारण को समयबद्ध व्यवस्था देने के बावजूद देरी हो रही है। जो अधिकारी बेवजह देरी कर सरकार की छवि बिगाड़ रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई हो। देरी के मामले में जवाबदेही तय करने को ऑडिट विभाग का उदाहरण दिया गया। इसमें मंच ने सरकार को पांच पत्र दिए। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
राज्य निगम कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय महासचिव सूर्यप्रकाश राणाकोटी ने राज्य के समूचे कार्मिक समुदाय को एक मंच पर लाने की एकता मंच की मुहिम की सराहना की। इस अवसर पर सीताराम पोखरियाल, पंकज कांडपाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष धीरेंद्र पाठक, महासचिव दिगंबर फूलोरिया, मानवेंद्र, नरेश भट्ट, सुबोध कांडपाल, सौरभ नौटियाल, संजय पाठक, पूरन चंद, जयदीप चौहान, आलोक उनियाल, राजपाल नेगी, शंकर बिष्ट आदि मौजूद रहे।

हड़ताल की जवाबदेही तय करने को होगी हड़ताल
वेबिनार में तय हुआ कि यदि सरकार ने हड़ताल के कारणों की समीक्षा करते हुए जवाबदेही तय नहीं की, तो राज्य में हड़तालों के प्रति जवाबदेही तय किए जाने को हड़ताल होगी। इसकी घोषणा दो अक्तूबर को होगी।

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