सीएम पुष्कर धामी ने 20 दरोगा निलंबित भी कर दिए, स्पीकर ऋतु खंडूडी विधिक राय में ही उलझी रह गईं, नियम तोड़ने वालों पर कहर बन कर टूट पड़े हैं सीएम धामी, विधानसभा पर लग रहे 2016 से पहले वाले बैकडोर कर्मचारियों को बचाने का आरोप

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देहरादून।

सीएम पुष्कर धामी नकल माफिया और नकल करने वालों के खिलाफ कहर बन कर टूट रहे हैं। सोमवार को भी उन्होंने 2015 में नकल, पेपर लीक मामले में
20 दरोगा को निलंबित कर एक लंबी लकीर खींच दी है। सीएम धामी के इन तेवरों ने दूसरे नेताओं की पेशानी पर बल डाल दिए हैं। एक ओर सीएम धामी विधिक राय में ज्यादा उलझने की बजाय ताबड़तोड़ एक्शन मूड में हैं। वहीं दूसरी ओर स्पीकर ऋतु खंडूड़ी अभी तक विधिक राय में उलझी हुई हैं। विपक्ष उन पर 2016 से पहले वाले विधानसभा के बेकडौर कर्मचारियों को बचाने का आरोप लगा रहा है।
सीएम पुष्कर धामी ने अपने कार्यकाल की शुरुवात में ही नकल माफिया के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी। पहले 2014 से चले आ रहे अधिनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती घपले में 50 से अधिक लोगों को सलाखों के पीछे भेजा। आईएफएस आरबीएस रावत समेत कई अफसरों को भी जेल की हवा खिला दी। हाकम सिंह जैसे नकल माफिया को जेल भेजने के साथ ही उसकी संपत्ति पर जेसीबी चलाने का साहस दिखाया। हाकम समेत दूसरे नकल माफिया के खिलाफ यही सख्ती यदि पूर्व की सरकारों ने जेल भेज दिया होता, तो आज ऐसे हालात पैदा नहीं होते।
सीएम धामी ने युवाओं को न्याय दिलाने को सभी भर्ती घपलों की परतें उधेड़ते हुए कार्रवाई शुरू की। सोमवार को मास्टर स्ट्रोक चलते हुए 20 दरोगाओं को निलंबित कर एक लंबी लकीर खींच दी है।
सीएम धामी के इस कदम से विधानसभा में भी खलबली है। क्योंकि स्पीकर ऋतु खंडूडी अभी भी विधिक राय में ही उलझी हुई हैं। दूसरी ओर सीएम धामी ताबड़तोड़ बैटिंग जारी रखे हुए हैं। दूसरी ओर स्पीकर ऋतु खंडूड़ी 2016 से पहले वाले बैकडोर कर्मचारियों को लेकर विपक्ष के निशाने पर हैं। क्योंकि स्पीकर की 2016 और उसके बाद वाले कर्मचारियों पर की गई कार्रवाई को लेकर भेदभाव के आरोप लग रहे हैं। जबकि जांच समिति ने राज्य गठन से आज तक की सभी भर्तियों को अवैध बताया है। उसके बाद भी 2016 से पहले वाले कर्मचारियों को विधिक राय के नाम पर बचाने को लेकर स्पीकर ऋतु खंडूड़ी विपक्ष के सवालों के घेरे में हैं। दूसरी ओर सीएम धामी रोज नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं।

“वर्ष 2015-16 उपनिरीक्षक सीधी भर्ती में अनियमितता की शिकायत मिलने पर विजिलेंस को इसकी जांच सौंपी गई थी। अभी तक की जांच के आधार पर संदिग्ध पाए गए 20 उपनिरीक्षकों को जांच पूरी होने तक निलंबित किया गया है। हमारी सरकार सुशासन के लिए संकल्पबद्ध है। गड़बड़ी करने वालों को किसी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा। भर्तियों में अनियमितताओ को बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। जल्द ही देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून बनाया जायेगा। भर्ती प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।”

पुष्कर सिंह धामी
मुख्य्मंत्री उत्तराखंड

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