एसीपी पर सरकार का कर्मचारियों को सबसे बड़ा आश्वासन, वित्त ने मांगा ब्यौरा

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एसीपी पर सरकार का कर्मचारियों को सबसे बड़ा आश्वासन, वित्त ने मांगा ब्यौरा
जीटी रिपोर्टर, देहरादून
एसीपी को लेकर कर्मचारी संगठनों को सरकार की ओर से अभी तक का सबसे बड़ा आश्वासन मिला है। हमेशा हर स्तर पर एसीपी को लेकर नकारात्मक रुख अपनाने वाले वित्त विभाग के अफसर सोमवार को कुछ बदले हुए नजर आए। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की ओर से दिए गए ठोस तर्कों पर अफसरों के सुर बदले हुए नजर आए। परिषद पदाधिकारियों ने कहा कि राज्य में सिर्फ 30 प्रतिशत कर्मचारी ही ऐसे हैं, जिन्हें एसीपी का लाभ मिलना है। ऐसे में कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़ेगा। इस पर वित्त विभाग ने ऐसे कर्मचारियों और संवर्गों का ब्यौरा परिषद को देने को कहा है।
परिषद पदाधिकारियों ने एसीएस राधा रतूड़ी के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा कि एसीपी की नई व्यवस्था 10, 20, 30 वर्ष में कर्मचारियों को न्यूनतम तीन पदोन्नति का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में एसीपी की पुरानी व्यवस्था 10, 16, 26 वर्ष को लागू किया जाए। पदोन्नति में शिथिलता का लाभ कर्मचारियों को देने के मामले में आश्वासन दिया गया कि प्रस्ताव जल्द कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा।
पदाधिकारियों ने कहा कि आयुष्मान योजना को लेकर बताया गया कि कुमाऊं के कई प्रमुख अस्पताल अभी पैनल में ही नहीं हैं। पेंशनर्स से कार्ड का 50 प्रतिशत प्रीमियम ही लेने की मांग की। एक महीने में सभी अस्पतालों को पैनल में शामिल करने का आश्वासन दिया गया। पुरानी पेंशन बहाली पर बताया गया कि केंद्र सरकार को संस्तुति की गई है। वार्ता में अध्यक्ष ठाकुर प्रहलाद सिंह, शक्तिप्रसाद भट्ट, अरुण पांडे, वीरेंद्र सिंह रावत, ओमवीर सिंह, सुनील देवली, गुड्डी मटूडा, रेणु लांबा, मनोज सेमवाल आदि मौजूद रहे।

ये मिले आश्वासन
ढांचा, नियमावली बनाने में आएगी तेजी
मुख्य सचिव के समक्ष रखा जाएगा तबादलों में छूट का प्रस्ताव
उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण को बने नियमावली
वाहन भत्ता न देने वालों पर होगी कार्रवाई

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