पहाड़ के किसानों को बिचौलियों से बचाने को डीएम अल्मोड़ा नितिन सिंह भदौरिया का बड़ा कदम, मंडुवा, झंगोरा की खरीद को खोले आठ क्रय केंद्र 

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पहाड़ के किसानों को बिचौलियों से बचाने को डीएम अल्मोड़ा नितिन सिंह भदौरिया का बड़ा कदम, मंडुवा, झंगोरा की खरीद को खोले आठ क्रय केंद्र

देहरादून।

पहाड़ के किसानों को उनकी फसल का घर के पास ही सही मूल्य मिल सके। इस दिशा में डीएम अल्मोड़ा नितिन सिंह भदौरिया ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने किसानों को बिचौलियों से बचाने और ट्रांसपोर्टेशन लागत कम करने को किसानों के घर के पास ही आठ क्रय केंद्र खोल दिए हैं। उनके इस कदम से जहां बिचौलियों में बेचैनी बढ़ गई है, वहीं किसानों ने राहत की सांस लेते हुए जिलाधिकारी का आभार प्रकट किया है।
स्टेट मिलेट मिशन योजना के तहत अब सहकारी संस्थाओं के जरिए सीधे किसानों से मंडुवा और झंगोरे की खरीद होगी। इस वर्ष दो हजार रुपये प्रति कुंतल मंडुवा और 2500 रुपये प्रति कुंतल झंगोरा खरीदा जाएगा। अल्मोड़ा में पनुवानौला, कोलदोड़म, महाकालेश्वर, गुदलेख, ताड़ीखेत, भैसड़गांव, कुंवाली और स्याल्दे में क्रय केंद्र खोले गए हैं। डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने बताया कि पूरा प्रयास किया जा रहा है कि किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिल सके। उनकी बिचौलियों पर निर्भरता को पूरी तरह समाप्त किया जा रहा है। घर के पास ही क्रय केंद्र में किसान अपनी फसल का सही दाम पा सकेंगे। डीएम की इस मुहिम का स्थानीय लोगों ने स्वागत किया।

खामोशी के साथ काम करने की शैली
युवा डीएम नितिन सिंह भदौरिया की पहचान खामोशी के साथ लगातार आगे बढ़ कर काम करने की है। वे बाकि अफसरों की तरह न तो सोशल मीडिया के जरिए अपनी ब्रांडिंग में जुटे रहते हैं। न ही उनके भीतर नौकरशाही वाली तुनकमिजाजी है। न ही वे बड़े नौकरशाहों की गणेश परिक्रमा में लगे रहते हैं। इन सब स्टंटों से दूर उनका आम जनता से सीधा संवाद, सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनों के जरिए नये नये अभिनव प्रयोग करने पर उनका विशेष फोकस रहता है। उनके प्रयासों से संचालित हो रहा नशा मुक्ति केंद्र, ढांचागत सुविधाओं के मामले में प्राइवेट स्कूलों से टक्कर लेते सरकारी स्कूलों की बेहतर स्थिति, उनके इन्हीं प्रयासों की बानगी भर है। जहां दूसरे जिलों में जिलाधिकारियों पर आम जनता से संवाद न रखने, मिलने के लिए समय न देने। कोरोना संक्रमण के दौर में भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जैसी संस्थाओं से तालमेल न बैठाने के आरोप लग रहे हैं। वहीं डीएम अल्मोड़ा लगातार खामोशी के साथ काम में जुटे हुए हैं।

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