60 करोड़ की गड़बड़ी में बच गए असल दोषी, टेंडर कमेटी में शामिल अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं, 15 अफसर, कर्मचारियों पर गिरेगी गाज
देहरादून।
यूपीसीएल में कंपनी पर बकाया 60 करोड़ वसूली प्रकरण में असल दोषी बच गए हैं। जांच रिपोर्ट एमडी नीरज खैरवाल ने सचिव ऊर्जा को सौंप दी है। 38 पन्ने की जांच रिपोर्ट में चार मुख्य अभियंताओं समेत कुल 15 अफसरों की भूमिका पर सवाल जरूर उठाए गए हैं, लेकिन वो लोग बच गए हैं, जिनकी लापरवाही, अनदेखी के कारण डिफॉल्टर कंपनी के साथ दोबारा करार किया गया।
इस पूरे मामले में सबसे बड़ी गड़बड़ी, चूक दिसंबर 2019 में हुई। जिस कंपनी पर दिसंबर 2019 में भी 68 करोड़ का बकाया था, उसी के साथ दोबारा करार कर लिया गया। वो भी तब, जबकि इस पूरे मामले में एडमिनिस्ट्रेटिव और ऑपरेशन की जवाबदेही एक ही अफसर पर थी। उसी की टेंडर प्रक्रिया में सबसे अहम भूमिका थी। जो लोग टेंडर कमेटी में थे, उन्हीं लोगों पर जिम्मा था कि वो यूपीसीएल के राजस्व वसूली, बकाया पैसे का हिसाब किताब रखें। इतने जिम्मेदार अफसरों ने कैसे टेंडर में 68 करोड़ के बकाये और अप्रैल 2017 से चले आ रहे लेट भुगतान को नजरअंदाज किया। इसके बाद भी उनका नाम कहीं जांच रिपोर्ट में नहीं है। 16 अप्रैल 2017 से देरी चली आ रही थी। तीन साल से बकाया वसूली में हो रही देरी का ये मामला पकड़ में आया जून 2020 में। इतने सालों तक किसी भी अफसर की नजर इस पूरे प्रकरण पर या तो पड़ी नहीं, या नजर अंदाज किया गया।
कार्रवाई की रडार में ये अफसर
इस पूरी लापरवाही के लिए चार मुख्य अभियंता, एक महाप्रबंधक, दो एसई, दो एक्सईएन, छह वित्त के अफसर, कर्मचारियों की लापरवाही रही। एमडी यूपीसीएल नीरज खैरवाल ने बताया कि जांच रिपोर्ट के बाद जल्द कार्रवाई के आदेश जारी किए जाएंगे।
इस विवाद से अप्रैल 2017 का क्या है कनेक्शन
बकाया वसूली के इस विवाद का अप्रैल 2017 से क्या कनेक्शन है, इसे लेकर यूपीसीएल में जबरदस्त चर्चा का दौर चल रहा है। यूपीसीएल को 16 अप्रैल 2017 से भुगतान में देरी होना शुरू हो गया था। यूपीसीएल में इस 16 अप्रैल 2017 की तारीख को आधार बना कर एक खेमा, एक बड़े अफसर की भूमिका पर सवाल उठा रहा है। इसी के बाद ये बकाया बढ़ते बढ़ते 80 करोड़ तक पहुंचा।
कंपनी ने 50 करोड़ के सौंपे चेक, दस करोड़ कराए जमा
देहरादून। कंपनी पर बकाया 60 करोड़ में से 50 करोड़ के एडवांस चेक सौंप दिए गए हैं। दस करोड़ का भुगतान हो चुका है। अब यूपीसीएल पर बकाया वसूली न होने का संकट खत्म हो गया है।