श्रम विभाग सोता रहा, आप ने 100 रुपये की सदस्यता लेकर बांट दी फ्री में साइकिल, उठ रहे सवाल श्रम विभाग के गोदामों से कैसे बाहर आई साइकिल, लेबर इंस्पेक्टर ने सचिव को सौंपी रिपोर्ट
देहरादून।
100 साइकिल बांटने के प्रकरण की प्रारंभिक जांच पूरी हो गई है। जांच अधिकारी स्थानीय लेबर इंस्पेक्टर पिंकी टम्टा ने जांच रिपोर्ट सचिव उत्तरखंड भवन सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड समेत उपश्रमायुक्त को भी सौंप दी है। रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। जांच के दौरान मौक पर तीन साइकिल भी मिली।
सितंबर महीने के दूसरे सप्ताह में गांधी ग्राम क्षेत्र में आम आदमी पार्टी की टोपी पहने हुए लोगों के साइकिल बांटने का मामला प्रकाश में आया था। जो साइकिलें बांटी गई, उनमें बोर्ड का लोगो भी लगा हुआ रहा। एक ही परिवार के चार चार लोगों समेत 80 साल की बुजुर्ग और 12 साल के बच्चे तक को साइकिल बांटने के आरोप लगे। हिन्दुस्तान ने इस पूरे मामले का खुलासा किया। इसके बाद पूरे प्रकरण में जांच बैठी। जांच अधिकारी की रिपोर्ट भी इन तमाम गड़बड़ियों की ओर इशारा कर रही है।
सूत्रों के अनुसार जब जांच अधिकारी मौके पर पहुंचीं, तो लोगों ने उन्हें घेर लिया। सभी ने साइकिल देने को दबाव बनाया। जब बताया गया कि वो पड़ताल करने आई हैं, तो लोग दूर हुए। रिपोर्ट में बताया गया कि लोगों ने बताया कि 100 रुपये में आप की सदस्यता लेने और आधार कार्ड की कॉपी मांगी गई। लोगों को सहसपुर क्षेत्र स्थित एक गोदाम में ले जाया गया। जहां से साइकिलें टैम्पो में रख कर गांधी ग्राम लाई गई। जिन लोगों को साइकिलों समेत दूसरा सामान मिला, उन्हें 23 सितंबर को सहसपुर में हुए आप के कार्यक्रम में अनिवार्य रूप से शामिल होने को कहा गया। पूरे प्रकरण में गुलफाम की भूमिका बताई गई। बोर्ड के अपर कार्यधिकारी अशोक वाजपेयी ने रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की। कहा कि अभी रिपोर्ट देखी नहीं है। ऐसे में कुछ बताने की स्थिति में वो नहीं हैं। सचिव हरबंस चुघ ने बताया कि अभी रिपोर्ट शासन स्तर पर नहीं पहुंची है। जैसे ही रिपोर्ट आएगी, उसी अनुरूप आगे कार्रवाई की जाएगी। किसी भी स्तर पर गड़बड़ी सामने आती है, तो कार्रवाई तय है।
नहीं सामने आए लोग
गांधी ग्राम में जिन लोगों को साइकिलें मिली, उनमें से कोई सामने नहीं आया। आस पास पड़ोस के लोगों ने बताया कि कोई घर में नहीं है। मौके पर जो नई साइकिलें मिलीं, उनका रैपर पूरी तरह हटाया जा चुका था। साइकिल नीलम कंपनी की थीं। श्रम बोर्ड की साइकिलें भी नीलम ही कंपनी की हैं।
विस्तृत जांच की जताई जरूरत
प्रारंभिक जांच में विस्तृत जांच की जरूरत जताई गई है। हालांकि विस्तृत जांच का फैसला शासन स्तर से होना है।