जनरल ओबीसी आंदोलन अब सड़कों पर उतरने की तैयारी में, मशाल जुलूस आज, बिजली कर्मचारियों का मिला समर्थन
देहरादून।
उत्तराखंड जनरल ओबीसी इम्प्लाइज एसोसिएशन अब अपना आंदोलन सड़कों पर लड़ेगी। एसोसिएशन की बुधवार को हुई बैठक में तय हुआ कि अब लंबित मुद्दों के निस्तारण को आंदोलन तेज किया जाएगा। आंदोलन को बिजली कर्मचारियों ने अपना समर्थन दिया।
ऊर्जा निगम के तीनों घटकों के संयुक्त ऊर्जा संयोजक मंडल ने बुधवार को उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन की बैठक का आयोजन यमुना कालोनी गंगा भवन में किया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए दीपक जोशी ने कहा कि सभी सदस्य आंदोल के अगले चरण के लिए तैयार हैं। कहा कि कोरेाना काल में ये पहला आंदोलन है, जो अब सड़क पर लड़ा जाएगा।
बैठक में सदस्यों ने अध्यक्ष दीपक जोशी पर लगाए गए आरोपों का विरोध किया। कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार और कार्मिकों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होना चाहिए था। सरकार की हठधर्मिता के कारण बेवजह तनाव बढ़ाया गया। सरकार ने ही जबरन संगठन के पदाधिकारियों को निशाना बनाकर अनावश्यक जांच एवं प्रताड़ना की कार्यवाही की। जो किसी भी दशा में सही नहीं है।
इसके साथ ही नई भर्ती में रोस्टर के पहले पद को अनारक्षित नहीं किया जा रहा है। विधानसभा में आरक्षण मुक्त पदोन्नति हेतु विधेयक नहीं लाया जा रहा है। कर्मचारियों के फ्रीज किए गए डीए को बहाल नहीं किया जा रहा है। एक दिन की वेतन कटौती वापस नहीं हो रही है। ऐसे में कर्मचारियों के सामने आंदोलन ही एकमात्र विकल्प शेष है। बैठक में अध्यक्ष दीपक जोशी, प्रदेश महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसाईं, गढ़वाल मंडल उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह चौहान, केंद्रीय संगठन सचिव डीएस सरियाल, ऊर्जा संयोजक मंडल के अध्यक्ष डीसी ध्यानी, सचिव अमित रंजन, ऊर्जा कामगार संगठन के अध्यक्ष राकेश शर्मा, राहुल अग्रवाल, अरविंद त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।