जीटी रिपोर्टर देहरादून
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने बताया कि देहरादून से हरिद्वार होते हुए दिल्ली जाने में अभी लोगों को 250 किमी लंबे नेशनल हाईवे का सफर करना पड़ता है। इसमें पांच से छह घंटे लगते हैं और लगातार जाम की भी समस्या बनी रहती है, लेकिन नया एक्सप्रेस वे बीच के कई शहरों को बाईपास करते हुए बन रहा है। इसमें जाम की समस्या नहीं होगी। इस एक्सप्रेस वे की लंबाई 200 किमी के करीब होगी और ढाई से तीन घंटे में लोग दून से दिल्ली पहुंच जाएंगे।
दिल्ली से देहरादून के बीच प्रस्तावित एक्सप्रेस वे के तीसरे चरण में डाट काली मंदिर में 400 मीटर लंबी एक और डबल लेन टनल बनाई जाएगी। एनएचएआई ने इस सुरंग के लिए डीपीआर बनाने का काम शुरू कर दिया है। विदित है कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने दिल्ली से देहरादून के बीच एक्सप्रेस वे के निर्माण को मंजूरी दी है।
इसके तहत दिल्ली से डासना, सावली, सहारनपुर, गणेशपुर होते हुए देहरादून तक फोर लेन एक्सप्रेस वे बनाया जाना है। इस परियोजना का काफी हिस्सा बन चुका है, जबकि अब गणेशपुर से देहरादून के बीच का 19 किमी भाग बनाया जाना है। परियोजना के लिए टेंडर की प्रक्रिया के साथ ही अब डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने का भी काम शुरू किया जा रहा है।
एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि परियोजना के तहत एलिवेटेड रोड के साथ ही डाट काली में 400 मीटर के करीब एक और टनल बनाई जाएगी। यह मौजूदा डबल लेन टनल के पास ही बनेगी। डाटकाली में हाल ही में 340 मीटर लंबी डबल टनल बनी है, लेकिन नई टनल इससे लंबी होगी। इसके अलावा डाट काली में अंग्रेजों के समय की पुरानी सिंगल लेन टनल है। नई टनल बनने से यहां तीन सुरंगें हो जाएंगी।
वर्तमान रूट
दिल्ली- गाजियाबाद- मेरठ- मुजफ्फरनगर- रुड़की- देहरादून (250 किमी)
नया रूट
दिल्ली -डासना- सावली- सहारनपुर- गणेशपुर – देहरादून (200 किमी)
इस परियोजना में मोहंड में बने सौ साल पुराने गेस्ट हाउस के साथ ही 2400 से अधिक पेड़ आ रहे हैं। एनएचएआई परियोजना की डीपीआर और टेंडर की प्रक्रिया के बाद अब कुछ समय बाद परियोजना पर काम शुरू करने जा रहा है।
आरके सुधांशु, सचिव लोनिवि के अनुसार दून-दिल्ली एक्सप्रेस वे परियोजना को जल्द पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस परियोजना के निर्माण के बाद दिल्ली की देहरादून से दूरी कम हो जाएगी और लोगों का सफर आसान हो जाएगा। यह राज्य में निवेश और आर्थिक गतिविधियों के हिसाब से भी अहम परियोजना साबित होगी।