त्रिवेंद्र सरकार के नाम एक और उपलब्धि, 14 साल बाद जाकर पूरी हुई भैरवगढ़ी पेयजल योजना, 75 गांवों को मिलेगा पानी
देहरादून।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को पौड़ी जिले के जयहरीखाल ब्लॉक में 64 करोड़ 86 लाख रूपये की भैरवगढ़ी ग्राम समूह पम्पिंग पेयजल योजना और 1 करोङ 63 लाख रूपये लागत से बने विकासखंड कार्यालय भवन जयहरीखाल का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से इलाके के 75 गांव और तोक को पानी मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार में आते ही इस योजना पर तेजी से कार्य प्रारंभ किया गया। 2006 में इस योजना का शिलान्यास तत्कालीन सरकार में किया गया लेकिन पैसे की कमी के कारण योजना आगे नहीं बढ़ पाई। कहा कि अगर यही हाल रहता तो ये योजना 2035 में पूरी होती। लेकिन हमने इसे प्राथमिकता पर लिया। कहा की आज देश का सबसे बड़ा झूला पुल टिहरी में डोबरा चांठी बनकर तैयार हो गया। उन्होंने लोगों का भी आह्वान किया कि वे अपने अधिकारों को समझें और जनप्रतिनिधियों से जहां सवाल करना हो वो भी जरूर करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी नौकरी सीमित होती है इसलिए सरकार नियमित भर्तियों के साथ स्वरोजगार के अवसर भी दे रही है। युवाओं को चाहिए कि वे मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना समेत मुख्यमंत्री सोलर स्वरोजगार योजना का लाभ उठाएं। सरकार ने सोलर ऊर्जा योजना में दस हजार लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। चीड़ की पत्तियों को बड़ी फैक्टरियों में बायलर में इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए अमेरिका से बड़ी मशीन मंगवाई जा रही है। पिरूल प्लांट में चीड़ की पत्तियों को खरीदा जा रहा है। इससे 40 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इस दौरान उन्होंने रेवा पम्पिंग योजना समेत रामी नदी, सिमलसेरा में, मींदाल नदी पर बाढ़ सुरक्षा कार्यों को स्वीकृति देने की घोषणा की। साथ ही नैनीडांडा में विद्युत खंड खोलने की भी घोषणा की। इसके अलावा कंडोलिया में गुलदार रेस्क्यू सेन्टर को मंजूरी दी। इस अवसर पर लैंसडौन के विधायक महंत दिलीप रावत, जिलाध्यक्ष संपत रावत, अतर सिंह असवाल, ब्लॉक प्रमुख महेंद्र राणा, दीपक भंडारी, fri के निदेशक अरुण सिंह रावत, विशेष सचिव पराग मधुकर धाते, जिलाधिकारी धीरज गर्ब्याल आदि मौजूद रहे।