एससी महिला के घर कनेक्शन लगाने पहुंचे बिजली इंजीनियरों पर दबंगों का हमला, 72 घंटे बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं, संगठन भी तीन दिन बाद हुआ सक्रिय, देखिए विडियो 

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एससी महिला के घर कनेक्शन लगाने पहुंचे बिजली इंजीनियरों पर दबंगों का हमला, 72 घंटे बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं, संगठन भी तीन दिन बाद हुआ सक्रिय, देखिए विडियो

देहरादून।

अनुसूचित जाति की महिला के घर बिजली कनेक्शन लगाने पहुंचे ऊर्जा निगम के इंजीनियरों पर दंबगों ने हमला कर दिया। यूपीसीएल के हरिद्वार जगजीतपुर में तैनात सहायक अभियंता और उत्तराखंड पॉवर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन के पूर्व महासचिव संदीप शर्मा पर हमला हुआ। हमला करने वालों की 72 घंटे बाद भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई। एसोसिएशन ने अभी तक गिरफ्तारी न होने पर नाराजगी जताई।
एसोसिएशन के केंद्रीय अध्यक्ष जीएन कोठियाल ने प्रबंध निदेशक को पत्र लिख कर रोष प्रकट किया। कहा कि संगठन के मौजूदा केंद्रीय उपमहासचिव संदीप शर्मा हरिद्वार जगजीतपुर में तैनात हैं। नूरपुर पंजनहेड़ी में 16 अक्तूबर को विभागीय कार्य कराने के दौरान कुछ दंबगों ने बाधा खड़ी की। डंडों और दरांती से हमला किया। एसडीओ संदीप शर्मा ने जान खतरे में डालते हुए विभागीय काम को पूरा कराया। इसमें वो घायल भी हुए। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया। बावजूद इसके अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई। इस पर प्रदेश भर के इंजीनियरों में रोष व्याप्त है।
कहा कि बिजली कर्मचारी विपरीत परिस्थितियों में भी काम कर रहे हैं। ऐसे में इस तरह के जानलेवा हमलों से कर्मचारियों में भय का माहौल पैदा हो गया है। इसका सीधा असर कर्मचारियों के कामकाज पर पड़ेगा। ऐसे में तत्काल कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी कराई जाए।

संगठन भी तीसरे दिन हरकत में आया
उत्तराखंड पॉवर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन भी अपने पदाधिकारी पर हुए हमले को लेकर तीसरे दिन हरकत में आई। एसोसिएशन के केंद्रीय उपमहासचिव और पूर्व महासचिव संदीप शर्मा पर हमला 16 अक्तूबर को हुआ। इसके तीन दिन बाद जाकर 19 अक्तूबर को एसोसिएशन ने अपनी प्रतिक्रिया दी। जबकि 17 अक्तूबर को ही एसोसिएशन की ओर से अपनी मांगों को लेकर लंबा चौड़ा प्रेस नोट जारी किया। उसमें कहीं भी अपने पदाधिकारी के साथ हुई मारपीट का जिक्र तक नहीं किया। अपनी छोटी छोटी मांगों पर अति सक्रियता दिखाने वाले पदाधिकारी इस मामले में खामोश रहे। तर्क दिया जा रहा है कि उन्हें इस मारपीट की जानकारी नहीं रही। इससे संगठन की सक्रियता की कलई खुल गई है।

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