गैरसैंण के दुश्मनों को हजम नहीं हो रहा सीएम त्रिवेंद्र का गैरसैंण प्रेम, लगातार रच रहे साजिश, इसके बाद भी गैरसैंण की अपनी तय लाइन पर आगे बढ़ इतिहास रचते त्रिवेंद्र 

0
103

गैरसैंण के दुश्मनों को हजम नहीं हो रहा सीएम त्रिवेंद्र का गैरसैंण प्रेम, लगातार रच रहे साजिश, इसके बाद भी गैरसैंण की अपनी तय लाइन पर आगे बढ़ इतिहास रचते त्रिवेंद्र

देहरादून।

गैरसैंण, पहाड़, उत्तराखंड के दुश्मनों को सीएम त्रिवेंद्र रावत का गैरसैंण प्रेम रास नहीं आ रहा है। यही वजह है, जो गैरसैंण, पहाड़ के हिमायती सीएम त्रिवेंद्र रावत की राह में 17 मार्च 2017 से कांटे बिछाने, षड़यंत्र रचने का जो सिलसिला शुरू हुआ था, वो आज तक जारी है। इस षडयंत्र में सब शामिल हैं। सीएम की कुर्सी के दावेदारों से लेकर संगठन में उनकी ईमानदारी को पसंद न करने वाली लॉबी और माफिया के सभी धड़ों के गठजोड़ समेत इस बार तो लोगों को न्याय दिलाने वाले देवता को भी जाने अनजाने राज्य को अस्थिरता की ओर धखेलने के इस खेल का हिस्सा बना लिया गया। मीडिया के एक धड़े ने तो ऐसा हल्ला काटा, जैसे सीएम को जेल भेजने के आदेश हो गए हों। इन तमाम षडयंत्रों के बावजूद बदरी केदार का आर्शीवाद सीएम त्रिवेंद्र के ऊपर बना हुआ है। यही वजह है, जो हर बार साजिशें मुंह के बल गिर रही हैं। और सीएम त्रिवेंद्र गैरसैंण को लेकर अपनी तय विकास की लाइन पर मजबूती के साथ आगे बढ़ रहे हैं। ये सीएम त्रिवेंद्र का ही साहस है, जो उन्होंने तबादला एक्ट बना कर ट्रांसफर इंडस्ट्री को खत्म कर अपने ही विधायक मंत्रियों की नाराजगी की भी फिक्र नहीं की। चारधाम देवस्थानम ट्रस्ट बनाने का बड़ा साहसिक फैसला लिया। जिलों में नौकरशाहों को पारदर्शी तरीके से बेदाग अफसरों को कुर्सी थमाई।
उत्तराखंड के लिए गैरसैंण हमेशा से ही बहुत खास रहा है। तमाम सियासी दलों, नेताओं ने इस नाम को अपने अपने तरीके से भुनाने, राजधानी के मुद्दे को एक एजेंडे के रूप में अपनी अपनी तरह से सेट कर आगे निकलने की तमाम कोशिश की हो, लेकिन दो दशक के इतिहास में सीएम त्रिवेंद्र रावत तमाम दूसरे नेताओं से गैरसैंण के विषय में कोसों आगे निकल गए हैं। गैरसैंण को लेकर अपनी तय लाइन पर आगे बढ़ते हुए सीएम त्रिवेंद्र ने पहले स्वतंत्रता दिवस के दिन गैरसैंण में ध्वजारोहण कर एक नया इतिहास रचा। इससे पहले ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने का वो साहस दिखाया। जिससे अभी तक राज्य का हर राजनीतिक दल और गैरसैंण को एक राजधानी के रूप में शक्ल देने वाले पूर्व सीएम हरीश रावत तक बचे।
सीएम त्रिवेंद्र ने न सिर्फ गैरसैंण में पहली बार ध्वजारोहण करने वाले पहले सीएम के रूप में अपना नाम दर्ज कराया, बल्कि राज्य स्थापना दिवस का मुख्य कार्यक्रम गैरसैंण में आयोजित कर, गैरसैंण को लेकर अपना एजेंडा पूरी तरह साफ कर दिया। उन्होंने अपने इरादों से साफ कर दिया है कि जनभावनाओं के अनुरूप ही राज्य में विकास कार्यो को आगे बढ़ाने को लेकर उनकी सरकार संकलपबद्व है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here