सीएम त्रिवेंद्र का ऐलान, राज्य के पहाड़ी उत्तराखंडी उत्पादों के लिए बनेगी एक ठोस अलग निर्यात नीति, देश दुनिया के बाजारों में बढ़ेगी उत्तराखण्डी उत्पादों की धमक
देहरादून।
सीएम त्रिवेंद्र रावत ने ऐलान किया है कि राज्य के पहाड़ी उत्तराखंडी उत्पादों के लिए एक ठोस अलग निर्यात नीति बनेगी। ताकि देश दुनिया के बाजार भी उत्तराखण्डी उत्पादों की धमक महसूस कर सकें।
स्थानीय उत्पादों को देश, दुनियां के बाजारों तक पहुंचाने के लिए सरकार निर्यात नीति बनाएगी। इस नीति के तहत प्रत्येक जिले से एक उत्पाद को निर्यात के लिए चिन्हित किया जाएगा। नीति के तहत राज्य के उद्यमियों और कारोबारियों को सुविधा प्रदान करने की व्यवस्था भी की जाएगी।
राज्य स्थापना दिवस के दिन सोमवार को गैरसैंण में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राज्य के जैविक उत्पाद, जड़ी बूटी और फार्मा उद्योग में निर्यात की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि नई नीति के तहत ऐसे उत्पादों के उत्पादन पर फोकस किया जाएगा जिनकी मांग देश और दुनियां के बाजारों में हो। उन्होंने कहा कि बड़े बाजारों की मांग के अनुरूप उत्पाद तैयार हो सकें इसके लिए नई नीति में विशेष प्रावधान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार लम्बे समय से राज्य में निवेश को प्रोत्साहित कर रही है। इसके बेहद सकारात्मक परिणाम मिले हैं और कई निवेशक राज्य में निवेश को तैयार हैं। ऐसे में राज्य में बने उत्पादों को मार्केटिंग की जरूरत है। इसी जरूरत को पूरा करने के लिए निर्यात नीति का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। राज्य में अभी सालाना करीब 16, 500 करोड़ रुपए का निर्यात होता है अब सरकार की कोशिश है इस राशि को और अधिक बढ़ाया जाए। राज्य के उत्पादों को पहचान दिलाने के साथ नए उत्पादों को विकसित करने के लिए सरकार पहले ही वन डिस्ट्रिक वन प्रॉडक्ट योजना पर काम कर रही है। इस योजना के तहत एक जिले के उत्पाद को पहचान दिलाने के बाद अब मार्केट तक पहुंचाने की व्यवस्था भी की जा रही है।