पानी की छह योजनाओं के लिए 293 करोड़ की योजनाओं को मंजूरी, मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली हाईपॉवर कमेटी ने लगाई मुहर
देहरादून।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली हाईपॉवर कमेटी ने 293 करोड़ की छह पेयजल योजनाओं की डीपीआर को मंजूरी दी गई। मुख्य सचिव ने कार्यदायी संस्थाओं जल निगम और जल संस्थान को योजनाओं का काम तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही योजनाओं की गुणवत्ता का भी ख्याल रखने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी ने कुल 293.87 करोड़ की लागत वाली मोहोलिया, बहादराबाद, उमरूखुर्द, जगजीतपुर, ढंढेरा और गौजाखली क्षेत्र की कुल छह डीपीआर की योजनाओं को मंजूरी दी गई। कहा कि योजनाओं की प्रगति बढ़ाने को नियमित निगरानी की जाए। कार्यदायी संस्थाओं ने योजनाओं के लिए समय बढ़ाने की मांग की। तर्क दिया कि कोरोना के कारण मजूरों के पलायन, सामाजिक दूरी के कारण काम प्रभावित हुआ। समिति ने 12 योजनाओं के लिए छह महीने का समय बढ़ाने की स्वीकृति दी।
मुख्य सचिव ने शहरी क्षेत्रों में सभी सरकारी भवनों, गैर सरकारी भवनों में जल संरक्षण को पेयजल को रिचार्ज करने का प्रावधान रखने के निर्देश दिए। कहा कि मनरेगा में भी पेयजल रिचार्ज करने के निर्देश दिए। कहा कि सभी विभागों के बजट से एक प्रतिशत धनराशि का अनिवार्य रूप से भूमिगत जल रिचार्ज के कार्यों में खर्च करने का प्रावधान किया जाए। इसके लिए कैबिनेट स्तर पर भी संशोधन का प्रस्ताव रखा जाए। उन्होंने अधिकारियों को पेयजल आपूर्ति तथा सेनिटेशन के कार्यों की प्रगति बेहतर करने को सैद्धान्तिक, तकनीकी व वित्तीय स्वीकृति देने में देरी न करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि जहां भी नई पेयजल लाइन बिछाई जा रही है, वहां पर यदि पहले कोई छोटी अथवा जीर्ण शीर्ण पुरानी लाइन हो, तो उसका यदि बिना अतिरिक्त व्यय से किसी तरह उपयोग हो सकता है तो उसकी संभावना तलाशी जाएं। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आरके सुधांशु, अपर सचिव पेयजल उदयराज, अपर सचिव मेजर योगेन्द्र यादव, प्रबंध निदेशक पेयजल निगम वीसी पुरोहित, सीजीएम जल संस्थान एसके शर्मा मौजूद रहे।