बागियों की कांग्रेस में वापसी को लेकर घमासान, दलबदलुओं को रुठा हुआ बताने पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने कसा तंज, कहा, आज तक भाजपा को दलबदल कराने को खामखां कोसते रहे
देहरादून।
उत्तराखंड में 18 मार्च 2016 को कांग्रेस की हरीश रावत सरकार गिराने वाले कांग्रेस के बागियों को लेकर नये सिरे से घमासान मचने लगा है। पूर्व सीएम हरीश रावत लगातार बागियों की कांग्रेस में वापसी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। तो प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का रुख नरम बना हुआ है। इस बीच कांग्रेस के अन्य नेताओं के बागियों को रुठा हुआ बताने पर हरीश रावत भड़क उठे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर कांग्रेस के नेताओं पर तंज कसते हुए अपना स्टैंड साफ कर दिया है।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि धन्य है उत्तराखंड की राजनीति। लोकतंत्र को ध्वस्त करने वाले दल बदलू अब रुठे हुए अपने हो गए हैं। ऐसे तो अब असम, अरुणाचल, मणिपुर, गोवा, तेलंगाना, कर्नाटक, मध्य प्रदेश के दल बदलू भी अब अपने रुठे हुए कहलाएंगे। ये हमारी भूल रही कि उत्तराखंड में भी ऐसे लोगों को हम दल बदलू कह गए। उन्हें पार्टी से निष्कासित तक कर दिया। न्याय पालिका ने भी इन रुठे हुए लोगों को दल बदलू महापापी कह कर उनकी सदस्यता तक रद्द कर दी। कहा कि अब मालूम चल रहा है कि ये लोग तो दूध के धुले हुए 24 कैरेट के सोना हैं। भाजपा को हम अभी तक यूं ही कोसते रहे। उन पर खरीद फरोख्त, लोकतंत्र को ध्वस्त करने का आरोप लगाते रहे। जबकि उन्होंने तो हमारे रुठे हुए लोगों को मात्र छाया दी।
हरीश रावत ने इन चंद लाइनों के जरिए ये स्पष्ट संदेश दिया कि वो फिलहाल इन बागियों की घर वापसी के बिल्कुल भी मूड में नहीं है। पूर्व सीएम कई बार बागियों को लेकर सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि लोकतंत्र के गुनहगार जब तक सार्वजनिक रूप से अपने किए हुए पाप की माफी नहीं मांगते, उनकी वापसी पर सोचना भी पाप होगा। हरीश रावत ने इन लाइनों के जरिए पार्टी में बागियों की घर वापसी किो लेकर नरम रुख दिखाने वाले खेमे को आड़े हाथों लिया।