सचिवालय संघ ने लगाया कर्मचारियों में भ्रम फैलाने का आरोप, आम सभा को मांगी मंजूरी, किसी भी तरह के हस्तक्षेप का किया विरोध
देहरादून।
सचिवालय संघ ने कर्मचारियों के बीच भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। तय हुआ कि कर्मचारियों में भ्रम फैला कर पैदा किए जा रहे गतिरोध को आम सभा में दूर किया जाएगा। दूसरे प्रकोष्ठ, इकाइयों के कर्मचारियों को संघ का सदस्य बनाए जाने के फैसले को भी आम सभा में रखा जाएगा। इसके लिए संघ ने कोरोना को ध्यान में रखते हुए सचिवालय प्रशासन से आम सभा की विधिवत मंजूरी मांगी है। साथ ही साफ किया कि सचिवालय प्रशासन का कोई भी हस्तक्षेप राजनीतिक दृष्टि से बर्दाश्त नहीं होगा।
अपर मुख्य सचिव राकेश जोशी ने अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन को भेजे पत्र में कहा कि पूर्व महासचिव प्रदीप पपनै और उपाध्यक्ष संदीप मोहन चमोला ने संघ के फैसलों पर सवाल उठाया है। मौजूदा कार्यकारिणी के 30 जून के बाद के फैसलों को नियम विरुद्ध बताया जा रहा है। जबकि पूर्व में आम सभा ने ही तय किया था कि कोरोना को ध्यान में रखते हुए मौजूदा कार्यकारिणी का कार्यकाल बढ़ाया जाए। इसके बाद आगे जो भी फैसले लिए गए, उसमें सभी संवर्गों की राय ली गई। कार्यकारिणी के सदस्य स्वयं बैठकों में मौजूद नहीं रहते। बाद में अब सवाल उठाए जा रहे हैं। संघ के संविधान के विरुद्ध जाकर सचिवालय प्रशासन को पत्र लिख कर भ्रम फैला रहे हैं। ऐसे में संघ के सभी सदस्यों के सामने स्थिति स्पष्ट करने को सात दिसंबर को आम सभा बुलाने का निर्णय लिया गया है। ताकि सचिवालय कर्मचारियों में फैलाए जा रहे भ्रम से पैदा हुए गतिरोध को दूर किया जाए।