यूजेवीएनएल के 95.86 करोड़ के घपले की जांच डंप, 3200 रुपये मीटर में खरीदी थी 900 रुपये मीटर वाली केबिल, सिंगल कोटेशन पर हुए करोड़ों के काम
देहरादून।
यूजेवीएनएल में 95.86 करोड़ के घपले की जांच डंप है। यहां यूजेवीएनएल ने 2016 में जिस केबिल को 3200 रुपये प्रति मीटर की दर से खरीदा। वही केबिल यूपीसीएल में 2019 में 900 रुपये प्रति मीटर की दर से खरीदा गया। करीब चार गुना अधिक रेट पर यूजेवीएनएल की खरीदी गई इस केबिल को लेकर स्वयं विद्युत नियामक आयोग ने सवाल उठाए हैं। यूजेवीएनएल के तीन पॉवर हाउस में मरम्मत के नाम पर करोड़ों के काम सिंगल कोटेशन पर ही करा लिए गए।
इस पूरे प्रकरण में केबिल खरीद सबसे अधिक सवालों के घेरे में है। यूपीसीएल ने जिस केबिल को 2019 में 900 रुपये प्रति मीटर की दर से खरीदा, उसे यूजेवीएनएल के अफसरों ने चार गुना अधिक दामों में 2016 में 3200 रुपये प्रति मीटर की दर से खरीद लिया। वो भी दो दो करोड़ के सिंगल कोटेशन पर बिना टेंडर प्रक्रिया अपनाए। इसी तरह अफसरों ने तय किया कि छिबरो पॉवर हाउस में 33 केवि पर बिको कंपनी के ब्रेकर लगाए जाएंगे। इसके लिए भी ओपन टेंडर नहीं कराए गए। बल्कि कंपनी के राज्य के ऑथराइज्ड डीलर को सीधे सिंगल कोटेशन पर 2.14 करोड़ का काम दे दिया गया। जिस डीलर को ये काम दिए गए, उसे ही लेबर, बैटरी, केबिल समेत सभी दूसरे काम भी दे दिए गए। आयोग ने सवाल उठाए हैं कि यदि यही अतिरिक्त काम टेंडर में दर्ज किए जाते, तो अन्य कंपनियां भी आवेदन कर सकती थी।
तीनों पॉवर हाउस में हुई गड़बड़ियों को लेकर नियामक आयोग ने सेंट्रल पॉवर परचेज कमेटी की भूमिका पर भी सवाल उठाए थे। इस कमेटी ने शासन की तय प्रिक्योरमेंट पॉलिसी का पालन नहीं किया। इस पूरे मामले में मानकों को ताक पर रख कर खरीद प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के भी आरोप लगे।
इन तमाम गड़बड़ियों पर सीएम त्रिवेंद्र रावत ने सख्ती दिखाते हुए जांच के आदेश दिए। अपर सचिव वित्त अरुणेंद्र चौहान को जांच के निर्देश 14 अगस्त 2020 को दिए थे। साढ़े चार महीने पूरे होने के बाद भी जांच अधूरी है। जो एक महीने में पूरी की जानी थी।
2018 में आयोग ने उठाए थे सवाल
तीनों पॉवर हाउस में तीन सालों में हुए 95.86 करोड़ के कार्यों पर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने अपने 21 मार्च 2018 के आदेश में सवाल उठाए थे। आदेश के पेज संख्या 41 से 45 विस्तार से खामियों का जिक्र किया गया।
इन पर जांच का शिकंजा
इस जांच के दायरे में तत्कालीन एमडी यूजेवीएनएल एसएन वर्मा, तत्कालीन निदेशक परिचालन और पूर्व एमडी यूपीसीएल बीसीके मिश्रा समेत कई अन्य निदेशक ऑपरेशन, महाप्रबंधक और अन्य अफसर भी हैं।
24 करोड़ के सब स्टेशन में भी गड़बड़ी
ढालीपुर में कैनाल किनारे लगाए गए सोलर पॉवर प्रोजेक्ट के लिए बनाए गए सब स्टेशन को लेकर भी यूजेवीएनएल प्रबंधन की भूमिका पर सवाल उठते रहे हैं। 24 करोड़ की लागत के इस सब स्टेशन का निर्माण स्वयं सोलर पॉवर प्रोजेक्ट लगाने वाली कंपनी को करना था, लेकिन आरोप है कि यूजेवीएनएल ने स्वयं ही अपना बजट लगा कर इस निर्माण को कर दिया। इस पर भी सवाल उठाए गए हैं।