पेयजल, सीवरेज के काम दूसरी एजेंसियों को दिए जाने का विरोध, एडीबी के कार्यों की हो जांच, समन्वय समिति ने बनाया दबाव, पेयजल निगम अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति ने योजनाओं की गुणवत्ता के लिए ठहराया जिम्मेदार, एडीबी के कार्यों पर उठाए सवाल, 3000 करोड़ के कार्यों में से महज 1200 करोड़ का बजट हो पाया था उपयोग 

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पेयजल, सीवरेज के काम दूसरी एजेंसियों को दिए जाने का विरोध, एडीबी के कार्यों की हो जांच, समन्वय समिति ने बनाया दबाव, पेयजल निगम अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति ने योजनाओं की गुणवत्ता के लिए ठहराया जिम्मेदार, एडीबी के कार्यों पर उठाए सवाल, 3000 करोड़ के कार्यों में से महज 1200 करोड़ का बजट हो पाया था उपयोग

देहरादून।

उत्तराखंड जल निगम अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति ने पेयजल, सीवरेज समेत एडीबी के बजट से किए गए दूसरे सभी कार्यों की जांच की मांग की। इसके साथ ही पेयजल, सीवरेज के काम दूसरी एजेंसियों को दिए जाने का विरोध किया। साफ किया कि काम जल निगम से ही कराया जाए। ऐसा न किए जाने से गुणवत्ता अलग प्रभावित हो रही है। साथ ही राजस्व का नुकसान हो रहा है।
समन्वय समिति की बैठक में पेयजल एजेंसियों के कार्यों को विशेषज्ञ एजेंसी पेयजल निगम से ही कराए जाने की मांग की गई। पदाधिकारियों ने कहा कि जल निगम के अलावा दूसरी एजेंसियों से भी पेयजल, सीवरेज के काम कराए जा रहे हैं। अन्य एजेंसियों से काम कराने से जल निगम को सेंटज का नुकसान हो रहा है। इस वित्तीय नुकसान के कारण कर्मचारियों को वेतन तक के लाले पड़ रहे हैं। साथ ही काम की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। समय पर बजट तक खर्च नहीं हो रहा है।
पूर्व में एडीबी से 3000 करोड़ के काम होने थे, लेकिन सिर्फ 1200 करोड़ का ही बजट खर्च हो पाया। शेष बजट लैप्स हो गया। जबकि लोनिवि, पॉवर सेक्टर में काम मूल विभाग ही कर रहे हैं। पेयजल सेक्टर में बार बार पेयजल, सीवरेज के काम के लिए नई एजेंसी का गठन किया जा रहा है। पूर्व में भी राजपुर रोड के सौंदर्यकरण के नाम पर करोड़ों का बजट बर्बाद किया गया। जो ट्यूबवेल बनाए गए, वे भी फेल हो रहे हैं। इन तमाम कार्यों की जांच की जाए। दोषी आरोपियों की जांच की जाए। ऐसा न होने और जल निगम को कमजोर करने के प्रयास इसी तरह जारी रहे, तो प्रदेश स्तरीय आंदोलन होगा। बैठक में अध्यक्ष जितेंद्र सिंह देव, महामंत्री विजय प्रसाद खाली, रामकुमार, प्रवीन कुमार राय, दीपक मलिक, अजय बेलवाल, अरविंद सजवाण, भजन सिंह, धर्मेंद्र चौधरी, राजेश गोला, चंडी प्रसाद, आनंद राजपूत, मनमोहन नेगी, आरके रोनिवाल, एलडी भट्ट, सत्यप्रसाद डंडरियाल, नीलम मैखुरी, आरएस बिष्ट, लक्ष्मी नारायण भट्ट आदि मौजूद रहे।

नये प्रबंधन को बधाई
पेयजल निगम में एमडी समेत मुख्य अभियंताओं को प्रभारी व्यवस्था के तहत जिम्मा दिए जाने पर समन्वय समिति ने शासन, सरकार का आभार जताया। पदाधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और सचिव नितेश झा ने पेयजल सेक्टर में बनी असमंजस की स्थिति को दूर कर दिया है। इसके लिए समूचा जल निगम सरकार का आभारी है।

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