हर तीसरे महीने शिकायत निवारण समिति की बैठक अनिवार्य, अपर मुख्य सचिव कार्मिक ने अफसरों को याद दिलाए हाईकोर्ट के आदेश, कर्मचारी संगठनों के स्तर से लगातार जताई जा रही थी नाराजगी 

0
17

हर तीसरे महीने शिकायत निवारण समिति की बैठक अनिवार्य, अपर मुख्य सचिव कार्मिक ने अफसरों को याद दिलाए हाईकोर्ट के आदेश, कर्मचारी संगठनों के स्तर से लगातार जताई जा रही थी नाराजगी

देहरादून।

कर्मचारियों की समस्याओं के निस्तारण को हर तीसरे महीने शिकायत निवारण समिति की बैठक होनी तय थी। इसे लेकर बाकायदा उत्तराखंड हाईकोर्ट की ओर से आदेश किए गए। इन आदेशों के बावजूद न जिला न और न ही शासन स्तर पर अफसरों ने इस ओर ध्यान दिया। इस पर अपर मुख्य सचिव कार्मिक ने सख्त लहजे में अफसरों को इन बैठकों का आयोजन करने के निर्देश जारी किए।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, प्रभारी सचिव, आयुक्त, विभागाध्यक्ष, कार्यालयाध्यक्ष, जिलाधिकारी, एमडी को इस सम्बन्ध में पत्र जारी किया। अफसरों को हाईकोर्ट का 28 अगस्त 2020 का आदेश याद दिलाया। जिसमें साफ किया गया था कि कर्मचारियों को छोटी छोटी समस्याओं के निस्तारण को लेकर शासन के चक्कर न काटने पड़े। उनकी समस्याओं के समाधान को सर्वोच्च स्तर पर प्राथमिकता पर लिया जाए। इसके लिए नियमित रूप से बैठकों का आयोजन किया जाए। स्पष्ट निर्देश के बावजूद बैठकों का आयोजन न होने पर उन्होंने नाराजगी जताई। कहा कि आदेशों का पालन करने के साथ ही उसकी सूचनाएं समय पर शासन को उपलब्ध कराई जाए।

कर्मचारी संगठनों ने जताया आभार
अपर मुख्य सचिव के आदेशों पर कर्मचारी संगठनों ने आभार जताया। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद कार्यकारी महामंत्री अरुण पांडे ने कहा कि शासन के अफसर अब शासन के निर्देशों का भी पालन नहीं कर रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अपर मुख्य सचिव के आदेशों की भी अनदेखी की जा रही है। पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन के अध्यक्ष प्रताप सिंह पंवार और महासचिव पंचम सिंह बिष्ट ने कहा कि मांगों को लेकर अफसर कभी भी गंभीर नहीं रहे। इन्हीं अफसरों के कारण सरकार की छवि धूमिल हो रही है। अब उम्मीद जगी है कि मांगों के निस्तारण पर कार्रवाई हो सकेगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here