ऊर्जा निगम में पीआरडी कर्मचारियों की भी कैटेगरी बदली, अब बने एसएचजी कर्मचारी, आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नियम हुए सख्त

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ऊर्जा निगम में पीआरडी कर्मचारियों की भी कैटेगरी बदली, अब बने एसएचजी कर्मचारी, आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नियम हुए सख्त

देहरादून।

ऊर्जा निगम में आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर मैनेजमेंट ने नियम सख्त कर दिए हैं। अब किसी भी तरह की लापरवाही, गड़बड़ी पर सीधे सेवा समाप्त होगी। इसके साथ ही पीआरडी कर्मचारियों की भी कैटेगरी बदल दी गई है। वे अब स्वयं सहायता समूह के कर्मचारियों की श्रेणी में आएंगे।
आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर यूपीसीएल मैनेजमेंट ने लंबी चौड़ी गाइड लाइन जारी की है। इसमें सबसे पहले कर्मचारियों की संख्या को लेकर सभी डिवीजनों को स्थिति स्पष्ट किए जाने को कहा गया है। फील्ड में जितने कर्मचारी काम कर रहे हैं, उनका एक एक का ब्यौरा तलब किया गया है। एक एक कर्मचारी का गहन पड़ताल के बाद ही वेतन जारी होगा। पीआरडी कर्मचारियों को एसएचजी कर्मचारी बनने से हर छह महीने में बढ़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ मिलेगा। अभी उनका वेतन बढ़ता नहीं है। 14 हजार के करीब ही वेतन पीआरडी कर्मचारियों को मिलता है। जबकि एसएचजी कर्मचारियों को 19 हजार तक वेतन मिल रहा है।
एमडी नीरज खैरवाल ने आदेश में साफ किया है कि आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन, ईपीएफ भुगतान में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। इसके लिए सभी अफसरों को अपनी जिम्मेदारी का पूरी गंभीरता के साथ निर्वहन करना होगा। हर महीने का ब्यौरा रखना होगा। जिस महीने कर्मचारियों के सेवा विस्तार का समय होगा, उसमें भी पूरी जांच पड़ताल के बाद ही सेवा विस्तार देना होगा। ईपीएफ में गड़बड़ी की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए एमडी ने ठोस और सख्त व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं।

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