पहले 25 हजार का चैक गिफ्ट करने की कर रहे थे मांग निदेशक, दिया गया डिनर सेट और महंगे कंबल, यूसीएफ की एजीएम में भी हर निदेशक को 25 हजार का गिफ्ट

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पहले 25 हजार का चैक गिफ्ट करने की कर रहे थे मांग निदेशक, दिया गया डिनर सेट और महंगे कंबल, यूसीएफ की एजीएम में भी हर निदेशक को 25 हजार का गिफ्ट

देहरादून।

उत्तराखंड सहकारी संघ की आम सभा में भी राज्य सहकारी बैंक की तरह गिफ्ट बांटे गए। प्रति निदेशक को 25 हजार रुपये के गिफ्ट बांटे गए। डिनर सेट समेत कंबल और बैग भी बांटे गए।
उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ की 12 वीं सामान्य निकाय की बैठक में कोविड के कारण बेहद सीमित संख्या में आयोजन हुआ। 20 निदेशकों को 25 -25 हजार के गिफ्ट दिए गए। हालांकि निदेशकों की ओर से 25-25 हजार के गिफ्ट चेक की मांग की जा रही थी। ऑडिट आपत्ति के डर से यूसीएफ प्रबंधन ने ऐसा करने से परहेज किया। सीधे डिनर सेट के साथ कंबल, जूट के बैग और अन्य सामान दिया गया।
आम सभा में सदस्य समितियों को लाभांश देने पर भी खासी बहस हुई। बताया गया कि आरबीआई की ओर से लाभांश देने पर रोक लगाई गई है। इस पर निदेशकों का तर्क रहा कि यूसीएफ कोई बैंकिंग संस्था नहीं है। ऐसे में आरबीआई के नियम यहां लागू नहीं हो सकते। मुनाफे पर अपनी समितियों को लाभांश दिया जाए। इस पर एजीएम में मुहर लगी।
एजीएम में अध्यक्ष बृजभूषण गैरोला, उपाध्यक्ष मातवर सिंह रावत, निदेशक राजेंद्र सिंह नेगी, उमेश त्रिपाठी, विजय संतरी, आदित्य चौहान, शिव बहादुर, नरेंद्र सिंह, पितांबर राम, गीता नौटियाल, कपिल कांता, कमलावती, दीपा बिष्ट, विशालमणि डिमरी, एमडी ईरा उप्रेती, पूर्व अध्यक्ष घनश्याम नौटियाल, प्रदीप कुमार आदि मौजूद रहे।

राज्य सहकारी बैंक की चल रही है जांच
यूसीएफ में अभी छह लाख के करीब खर्चा एजीएम पर आया है। जबकि राज्य सहकारी बैंक में 22 लाख से ज्यादा का खर्च हुआ। इसके कारण राज्य सहकारी बैंक के इन खर्चों को लेकर जांच हुई। जांच में गड़बड़ी की पुष्टि भी हुई। अब कार्रवाई से पहले एक ओर जांच चल रही है।

किसानों को दिया जाएगा बढ़ावा
अध्यक्ष बृजभूषण गैरोला ने कहा कि यूसीएफ लगातार किसानों की स्थिति को मजबूत करने पर काम कर रहा है। सोयाबीन परियोजना में फूड प्रोसेसिंग यूनिट, मंडुवा झंगोला प्रोसेसिंग यूनिट की जल्द स्थापना की जाएगी। इस बार लक्ष्य से अधिक धान क्रय किया गया। किसानों को समय पर उचित मूल्य उपलब्ध कराया गया। पहली बार मिलेट मिशन योजना में किसानों को मंडुए, झंगोरा का 25 रुपये प्रति किलो की दर से खरीद की गई। अभी इस बार पांच जिलों में ही इस योजना को संचालित किया गया। अगले सत्र से सभी जिले, जहां झंगोरा, मंडुवा का उत्पादन होता है, वहां इसे लागू किया जाएगा।

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