घरेलू व अन्य पर्यटन से जुड़े लोगों को उत्तराखंड में पर्यटन की संभावनाओं से कराया रूबरू, तीन दिवसीय इंडिया ट्रैवल मार्ट का हुआ समापन
देहरादून।
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की ओर से आयोजित तीन दिवसीय इंडिया ट्रैवल मार्ट (आईटीएम) का रविवार को समापन हो गया। इसमें यात्रियों को आकर्षक पैकेज और अनूठे पर्यटन स्थल की विस्तार से जानकारी दी गई। भारत का प्रमुख बी 2 बी ट्रैवल एंड टूरिज्म शोकेस और कॉन्क्लेव के पहले दो दिन यात्रा व्यापार के संबंध में विस्तार से चर्चा की गयी। जबकि मार्ट के अंतिम दिन रविवार को घरेलू व अन्य पर्यटन से जुड़े लोगों को उत्तराखंड में पर्यटन की संभावनाओं से रूबरू कराया।
इस मौके पर ट्रैवल एजेंटों, पैन इंडिया के टूर संचालकों और उत्तराखंड पर्यटन व गुजरात पर्यटन के अधिकारियों के लिए विशेष सत्र का आयोजन किया गया। शोकेस और कॉन्क्लेव में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जयपुर, अहमदाबाद, राजस्थान के पर्यटन से जुड़े लोगों ने भाग लिया।
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की अपर निदेशक पूनम चंद ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन के लिए पहले से तय गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए उत्तराखंड लगातार काम कर रहा है। कार्यक्रम का उद्देश्य यात्रियों के लिए यात्रा को और अधिक मनोरंजक तथा परेशानी मुक्त बनाना था। साथ ही मार्ट में विभिन्न माध्यमों के बारे में भी जानकारी दी गई। जिससे यात्रा के दौरान पर्यटकों की मदद कर सकें। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी के माध्यम से यात्रियों को विभिन्न आकर्षक पैकेज और अनूठे पर्यटन स्थलों की जानकारी दी गई।
वहीं आईसीएम समूह के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजय गुप्ता ने कहा कि इंडिया ट्रैवल मार्ट में भागीदारी से देहरादून में पर्यटन स्थलों, जीवंत संस्कृति, अद्वितीय उत्पादों का प्रदर्शन करने का अवसर है। यात्रा उद्योग और पर्यटकों तक पहुंचने के लिए हमें इस मंच से बड़े पैमाने पर लाभ की उम्मीद है।
कार्यक्रम के समापन के मौके पर उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद को फीचर स्टेट के अवार्ड से नवाजा गया। जबकि गुजरात पर्यटन को सहयोगी राज्य का खिताब दिया गया। बेस्ट स्टॉल का अवार्ड भी उत्तराखंड पर्यटन को मिला। जबकि बेस्ट प्रदर्शनी का ताज गुजरात पर्यटन के नाम रहा। वहीं बेस्ट स्टाल इंफॉर्मेशन से इंडिया पर्यटन को नवाजा गया। होटल एलपी विला को स्टाल ऑफ प्राइड का खिताब दिया गया। साथ ही अतिथियों को सुविधा, सेवाओं और सेवा, समर्थन के लिए भी होटल एलपी विला को अवार्ड दिया गया।