जल संस्थान में प्रशासनिक अराजकता, इंजीनियरों ने ऑफिशियल व्हाट्सअप ग्रुपों का किया बहिष्कार, एक साथ 17 प्रभारी अधिशासी अभियंताओं ने छोड़े व्हाट्सअप ग्रुप, प्रबंधन ने माना अनुशासनहीनता, सभी के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी
देहरादून।
जल संस्थान में इंजीनियरों ने ऑफिशियल व्हाट्सअप ग्रुपों का बहिष्कार कर दिया है। एक साथ 17 प्रभारी अधिशासी अभियंताओं ने व्हाट्सअप ग्रुप छोड़ दिए हैं। इसे सीधे तौर पर प्रशासनिक अनुशासनहीनता माना जा रहा है। इस प्रशासनिक अराजकता की स्थिति को लेकर प्रबंधन भी कार्रवाई की तैयारी में है।
जल संस्थान में लंबे समय से इंजीनियरों के एक ग्रुप के बीच वरिष्ठता, पदोन्नति, बार बार डीपीसी के टलने को लेकर विवाद की स्थिति रही। इसी विवाद के बढ़ता हुए पहले तो व्हाट्सग्रुपों पर टीका टिप्पणी तक बात सीमित रही। लेकिन पूर्व में दो बार डीपीसी टलने पर इंजीनियरों ने विरोध स्वरूप उन व्हाट्सग्रुपों को छोड़ दिया, जिसमें मुख्य महाप्रबंधक से लेकर महाप्रबंधक और तमाम दूसरे इंजीनियर भी मौजूद हैं। कोई एक ग्रुप नहीं, बल्कि कई अन्य ग्रुप भी छोड़ दिए गए। इसे लेकर व्हाट्सअप ग्रुपों पर तीखी प्रतिक्रिया हुई। सभी ने इसे प्रशासनिक अराजकता करार दिया। वो भी उस समय जब, विभागीय मुखिया कोरोना पॉजिटिव रहे। वे बीमारी के कारण मेडिकल अवकाश पर थे और इधर इंजीनियरों में घमासान मचा रहा।
पीएम मोदी के प्रोजेक्ट को भी रखा ताक पर
इंजीनियरों ने पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट हर घर नल से जल प्रोजेक्ट के व्हाट्सग्रुप को भी छोड़ने से परहेज नहीं किया। जबकि इस ग्रुप में डेली की प्रोग्रेस की निगरानी और अपडेट दिए जाते हैं।
बाकायदा शासन को लिखित में दी गई सूचना
इंजीनियरों ने न सिर्फ ग्रुप छोड़े, बल्कि सचिव पेयजल तक को लिखित में सूचना भेजने से गुरेज नहीं किया। विभागीय पदोन्नति न होने और वरिष्ठता विवाद को व्हाट्सग्रुप छोड़ने का आधार बताया गया।
इस प्रकरण की जानकारी मिली है। कोविड संक्रमण के कारण कुछ दिन ऑफिस नहीं आ पाया था। अब इस पूरे प्रकरण की जानकारी लेते हुए सम्बन्धित लोगों का जवाब तलब किया जाएगा।
एसके शर्मा, मुख्य महाप्रबंधक जल संस्थान