कर्मचारियों से भेदभाव पर जताया रोष, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक में सरकार की दोहरी नीति पर उठाए गए सवाल
देहरादून।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की हाईपॉवर कोर कमेटी की ऑनलाइन बैठक हुई। बैठक में सरकार द्वारा कोविड-19 के टीकाकरण को लेकर कार्मिकों के बीच किए जा रहे भेदभाव पर चिंता व्यक्त की गई। क्योंकि परिषद द्वारा मांग की गई थी कि प्रदेश में जो भी कार्मिक कोविड-19 फील्डर स्तर पर, स्थानीय स्तर पर कार्य कर रहा है उसे एवं उसके परिवार को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाए।
बैठक में इस बात पर विचार किया गया की परिषद की मांग के अनुसार प्रदेश मे निदेशालय के अतिरिक्त विभिन्न कार्यालयों को बंद कर दिया गया है। इसके बावजूद वर्तमान में जनपदों में कार्यरत विकास कर्मी तथा उद्यान ,कृषि, डीआरडीए, तहसील, खाद्य एवं रसद आदि के कर्मचारी कोविड-19 के नियंत्रण कक्ष से लेकर कोविड-19 लिए स्थापित स्थानों और कंटेनमेंट जोन में अपनी सेवाएं लगातार दे रहे हैं।
राज्य सरकार द्वारा टीकाकरण प्राथमिकता पर अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं किया गया है। इससे कार्मिकों में अधिक रोष है। क्योंकि प्रतिदिन कार्मिक न सिर्फ स्वयं संक्रमित हो रहे हैं साथ ही उनके परिवार भी संक्रमित हो रहे हैं। इससे कि संपूर्ण कार्मिक समुदाय में भय का वातावरण व्याप्त है। बैठक में दोबारा मांग की गई कि ना सिर्फ जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे समस्त कार्यकर्ताओं को उनके परिजनों सहित टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाए। बल्कि उन्हें हरियाणा व अन्य राज्यों की भाति 50 लाख रुपए का बीमा कवर भी दिया जाए। इसके अतिरिक्त उन्हें कोई न्याय सुरक्षा हेतु समस्त सुविधाएं तथा मास्क, सैनिटाइजर, हैंड ग्लव्स आदि भी उपलब्ध कराए जाएं। बैठक में ठाकुर प्रह्लाद सिंह, एनके त्रिपाठी, अरुण पांडे, शक्ति प्रसाद भट्ट, चौधरी ओमवीर सिंह, गिरिजेश कांडपाल, कुंवर सामंत, हषर्वर्धन नेगी, तनवीर अहमद, अशोक कुमार शर्मा, पीसी शर्मा, गुड्डी मटूड़ा, रेनू लांबा, बाबू खान, आईएम कोठारी आदि मौजूद रहे।