आंदोलन से पहले सरकार को वार्ता का एक मौका देगी परिषद, पुरानी एसीपी, डाउनग्रेड वेतनमान, पदोन्नति में शिथिलता का लाभ देने की मांग, गोल्डन कार्ड और तबादला एक्ट की विसंगतियों को भी किया जाए दूर
देहरादून।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक में तय हुआ कि कर्मचारियों की मांगों के निस्तारण को लेकर एक बड़ा आंदोलन चलाया जाएगा। इसके लिए पहले सरकार को वार्ता का एक मौका दिया जाएगा। परिषद ने पुरानी एसीपी, डाउनग्रेड वेतनमान, पदोन्नति में शिथिलता का लाभ देने पर जोर दिया। पदाधिकारियों ने कहा कि गोल्डन कार्ड और तबादला एक्ट की विसंगतियों को भी दूर किया जाए।
रेसकोर्स स्थित ट्रांजिस्ट हॉस्टल में हुई बैठक में अध्यक्ष अरुण पांडे और महामंत्री शक्तिप्रसाद भट्ट ने कहा कि कर्मचारियों को पुरानी एसीपी का तत्काल लाभ दिया जाए। सातवें वेतनमान के बाद एसीपी का लाभ 10, 20, 30 वर्ष पर मिल रहा है। जबकि पहले यही लाभ 10, 16, 26 वर्ष पर मिलता था। इससे कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
इसी के साथ गोल्डन कार्ड की विसंगतियां भी दूर नहीं की जा रही है। गोल्डन कार्ड में ओपीडी की व्यवस्था को मुफ्त नहीं किया जा रहा है। कैशलेश इलाज और जांच का लाभ तत्काल दिया जाए। कहा कि कई विभागों में कर्मचारियों को दस साल की सेवा पूरी किए जाने के बाद भी अभी एसीपी का लाभ नहीं मिल पाया है। अतिउत्तम एसीआर की अनिवार्यता के स्थान पर उत्तम एसीआर के शासनादेश को एक जनवरी 2017 से लागू किया जाए। कर्मचािरयों का वेतनमान कम न किया जाए। तय हुआ कि किसी भी तरह के आंदोलन से पहले सरकार को वार्ता का एक मौका दिया जाएगा।
बैठक में आरपी जोशी, गिरिजेश काण्डपाल, ओमवीर सिहं, दिनेश जोशी, राकेश मोहन तिवारी, जगमोहन नेगी, रविन्द्र सिंह, हर्षमोहन नेगी, केएस सामन्त, शशि वर्धन अधिकारी, चन्द्रशेखर सनवाल, रेनू लांबा, दिशा बड़ोनी, जयप्रकाश यादव, विकास दुम्का, परमानन्द नौटियाल, रामकृष्ण नौटियाल, केएस चौहान, धर्म पाल सिंह आदि मौजूद रहे।
तबादला एक्ट की खामियों का विरोध
परिषद पदाधिकारियों ने तबादला एक्ट की खामियों का विरोध किया। कहा कि तबादला एक्ट का जमकर दुरुपयोग हो रहा है। गड़बड़ी करने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। फील्ड कार्मिकों के वाहन भत्ते की दरों को बढ़ाया जाए।
प्रमुख मांगे
वेतनमान कम न किया जाए
पुरानी एसीपी का लाभ देते हुए 10, 16, 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नत पद के वेतनमान का लाभ
गोल्डन कार्ड की विसंगतियों को दूर किया जाए
अतिउत्तम एसीआर की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए।
उत्तम एसीआर को मान्य किए जाने को एक जनवरी 2017 को जारी शासनादेश को लागू किया जाए
स्थानान्तरण एक्ट से प्रभावित विभागों में इसके दुरुपयोग को रोका जाए