देहरादून।
नागटीब्बा पंतवाड़ी स्थित काफल गांव पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने स्थानीय युवाओं के तैयार किए गए काफल रिजॉर्ट को बदलते उत्तराखंड की एक झलक बताया। युवाओं के इस प्रयास की जमकर सराहना करते हुए कहा की युवाओं के इस छोटे से प्रयास ने राज्य में एक नया पर्यटन स्थल विकसित कर दिया है। इसी तरह के प्रयासों से उत्तराखंड के गांवों की न सिर्फ रौनक लौटेगी, बल्कि ये प्रयास रिवर्स पलायन की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
काफल रिजॉर्ट पहुंचे भगत दा का पारंपरिक पहाड़ी अंदाज में स्वागत किया गया। भगत दा भी पूरी तरह स्थानीय लोगों के बीच रम गए। भगत दा ने कहा की जब दस साल पहले वो इस स्थान पर आए थे, तो तब कई घंटे की चढ़ाई के बाद वो पहुंचे थे। उस दौरान भी उन्होंने जिला सहकारी बैंक टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष सुभाष रमोला को इस स्थान को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने को कहा था। आज जब मैं यहां लौटा हूं, तो इन युवाओं के इस अद्भुत सफल प्रयास को देख गौरांवित महसूस कर रहा हूं।
उनका सुझाव है की यहां पर्यटन को और विस्तार दिया जाए। पर्यटकों को यहां के नैसर्गिक सौंदर्य से और रूबरू कराया जाए। कहा की इसी तरह के युवा उत्तराखंड की असल ताकत हैं। जिन्होंने पहाड़ से मुंह मोड़ने की बजाय इन्हीं पहाड़ों की रौनक लौटा दी है। इस तरह के युवाओं को और अधिक प्रोत्साहित किया जाए। ताकि पहाड़ पर इसी तरह और भी कई काफल गांव विकसित हो सकें।
भगत दा ने कहा की आज काफल गांव आकर उन्हें अपने बचपन के दिन और पिथौरागढ़ की वादियां याद आ गई। इस दौरान आठ वर्षीय रीमा रावत से भगत दा ने स्थानीय जानकारी ली। आगे बढ़ने को प्रोत्साहित किया। अपने जीवन के संस्मरण साझा किए। इस दौरान जिला सहकारी बैंक टिहरी के अध्यक्ष
सुभाष रमोला, डीएवी के पूर्व छात्रसंघ महासचिव राजीव चौहान, राम सिंह प्रधान मौजूद रहे।