अध्यक्ष का मंत्री को जवाब, अब तो नियमों के तहत हुआ काम

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जीटी रिपोर्टर देहरादून

अध्यक्ष का मंत्री को जवाब, अब तो नियमों के तहत हुआ काम


बोर्ड अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल की ओर से सचिव दमयंती रावत को हटाए जाने के फैसले पर श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने सवाल उठाए थे। उन्होंने अध्यक्ष पर तंज कसा था कि उन्हें बोर्ड के नियम कायदों की जानकारी नहीं है। बिना बोर्ड की मंजूरी के अध्यक्ष कुछ भी नहीं कर सकते। इस पर अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल ने कहा कि जो भी फैसले लिए गए हैं, वे बोर्ड ने सामूहिक रूप से लिए हैं। ऐसे में अब शायद किसी को भी कोई भी शिकायत नहीं होनी चाहिए कि अज्ञानता में कोई फैसला लिया गया है।
बोर्ड के कामकाज को लेकर हाईकोर्ट में भी जनहित याचिका दायर हुई थी। सचिव श्रम, श्रम मंत्री समेत उनकी पुत्रवधु को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। आरोप था कि श्रम मंत्री की पुत्रवधु को भी बोर्ड ने अनुचित लाभ पहुंचाया। इस मामले में केंद्र सरकार तक को नोटिस जारी किया गया। अभी ये पूरा प्रकरण हाईकोर्ट में लंबित है। जो शासन के लिए गले की फांस बना हुआ है।

बोर्ड ने कई काम दिल्ली की कंपनियों को दिए हैं। इन कंपनियों के जरिए ही कई प्रभावशाली लोगों के रिश्तेदारों के एनजीओ को लाभ पहुंचाने के आरोप लग रहे हैं। इस मामले में भी जांच पड़ताल आगे बढ़ने पर कई प्रभावशाली लोगों और उनके रिश्तेदारों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं।

वाहनों पर कसी जाएगी लगाम
बोर्ड में साफ किया गया कि इफरात में वाहन नहीं बांटे जाएंगे। बोर्ड के सभी वाहनों को वापस मंगा लिया गया है। किसी को भी नया वाहन नहीं दिया जाएगा। प्राइवेट टैक्सियों को भी बंद किया जाएगा। जिन्हें वाहन अनुमन्य होगा, उन्हें ही सुविधा दी जाएगी।

बोर्ड के कार्यों में जीरो टालरेंस को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। भले ही इसके लिए किसी की भी नाराजगी मोल लेनी पड़े। सरकार के जीरो टालरेंस के वादे को पूरी सख्ती के साथ निभाया जाएगा। भवन निर्माण श्रमिकों को उनका वाजिब अधिकार हर हाल में सुनिश्चित कराया जाएगा।
शमशेर सिंह सत्याल, अध्यक्ष उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड

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