चार धाम यात्रा में अब 12 बजे तक नहीं, बल्कि तीन बजे तक होंगे दर्शन 

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चार धाम यात्रा में अब 12 बजे तक नहीं, बल्कि तीन बजे तक होंगे दर्शन

देहरादून।

चार धाम में श्रद्धालुओं के दर्शन का समय बढ़ाया जाएगा। अब मंदिर में दर्शन दोपहर 12 बजे की बजाय तीन बजे तक किए जाने का निर्णय उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड लेने जा रहा है।
चार धाम आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रियायतें बढ़ाए जाने और नियमों को सरल किए जाने के बाद अब संख्या बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में सामाजिक दूरी के तय मानक का पालन सुनिश्चित कराने को पूजा का समय बढ़ाने की तैयारी है। उत्तरखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड फिलहाल अभी प्रतिदिन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने पर विचार नहीं कर रहा है। हर धाम के प्रतिदिन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का जो मानक है, वो फिलहाल पूर्व की तरह ही रहेगा। श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने पर पूजा का समय बढ़ाने के साथ ही सामाजिक दूरी के गोलों की संख्या बढ़ाई जाएगी। ताकि अधिक से अधिक लोगों को दर्शन का मौका मिल सके।
उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने बताया कि श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने पर सामाजिक दूरी का पालन सुनिश्चित कराने को दर्शन का समय 12 बजे से बढ़ा कर तीन बजे किए जाने पर विचार किया जा रहा है। जल्द इस पर फैसला होगा। अभी श्रद्धालुओं की तय संख्या को नहीं बढ़ाया जा रहा है। क्योंकि अभी तय श्रद्धालुओं से भी कम संख्या में लोग आ रहे हैं। रियायतें बढ़ने के बाद अब हेली सेवाओं से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी इजाफा होगा।

प्रतिदिन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या
बदरीनाथ –1200
केदारनाथ — 800
गंगोत्री — 600
यमुनोत्री — 400

चार धाम यात्रा मानक
श्रद्धालुओं को बोर्ड की वेबसाइट www.badrinath-kearnath.gov.in पर पंजीकरण कराना होगा।
बिना पंजीकरण के आने वालों को धामों में दर्शन की मंजूरी नहीं है।
पंजीकरण के दौरान फोटो आईडी, एड्रेस प्रूफ का दस्तावेज अपलोड करना होगा।
पूरी यात्रा के दौरान मूल दस्तावेज के रूप में वही फोटो आईडी, एड्रेस प्रूफ दिखाना होगा, जो वेबसाइट में अपलोड किया गया है।
श्रद्धालुओं की निर्धारित जांच केंद्रों पर थर्मल स्क्रीनिंग होगी।
जांच केंद्र में स्क्रीनिंग के दौरान यदि कोविड 19 के लक्षण पाए जाते हैं। तो उन्हें यात्रा की अनुमति नहीं होगी।
ऐसी स्थिति में कोविड निगेटिव आने के बाद ही यात्रा की अनुमति दी जाएगी।
हेलीकॉप्टर से आने वाले श्रद्धालुओं को वेबसाइट पर पंजीकरण अनिवार्य नहीं।

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