मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को ऋषिकेश स्थित डी.एस.बी. इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के वार्षिकोत्सव समारोह में प्रतिभाग किया।

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ऋषिकेश/देहरादून

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति व हमारे साधु-संत “सर्वे भवन्तु सुखिनः “ के सिद्धांत की प्रेरणा देते हैं। संत केवल कार्य से ही नहीं, अपितु अपने आचरण से भी समाज को शिक्षा और दृष्टि प्रदान करते हैं। सन्तों का जीवन परोपकार के लिए होता है। समाज को सही राह दिखाना ही संतों ने अपना धर्म माना है।

उन्होंने विद्यालय के छात्र छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए विद्यार्थियों को अपने जीवन का लक्ष्य निधार्रित करने तथा अथक परिश्रम के साथ जीवन में सफलता हासिल करने को कहा। विद्यार्थी अपने सपनों को साकार कर अपनी कामयाबी से शिक्षकों, परिजनों के साथ प्रदेश का मान सम्मान बढ़ाने का प्रयास करें।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी जी द्वारा 2007 में स्थापित यह स्कूल आज शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम प्राप्त कर रहा है। उन्होंने ब्रहमलीन देवेन्द्र स्वरूप ब्रह्मचारी के जीवन को लोक कल्याण के लिए समर्पित बताते हुए कहा कि स्नेह, आत्मीयता व परोपकार उनकी जीवनशैली थी।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि श्री जयराम जी से लेकर श्री देवेन्द्र स्वरूप ब्रह्मचारी जी का पूरा जीवन लोक कल्याण और समाज सेवा के लिए समर्पित रहा है। श्री ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी अपने गुरूओं के संकल्पों को पूर्ण करने के लिए समर्पित भाव से सेवा कार्य में लगे हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ब्रह्मलीन देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की तथा शहीदों के परिजनों को शॉल भेंटकर सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी सराहना की तथा उन्हें शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर मेयर अनीता मंमगाई, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज, महामंडलेश्वर रामेश्वरानंद, श्री टी.के शर्मा, प्रिंसिपल डीएसबी शिव सहगल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

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